मध्य प्रदेश की मोहन यादव सरकार ने पराली जलाने वालों के खिलाफ बड़े एक्शन को मंजूरी दे दी है। राज्य के मंत्रिमंडल एक फैसले को मंजूरी दे दी है जिसके तहत पराली जलाने वाले किसानों को मिलने वाली किसान सम्मान निधि योजना की आर्थिक सहायता को एक साल तक के लिए सस्पेंड कर दिया जाएगा। इसके साथ ही ये फैसला किया गया है कि पराली जलाने वाले किसानों की फसल को न्यूनतम समर्थन मूल्य यानी MSP के अनुसार नहीं खरीदा जाएगा।
कैलाश विजयवर्गीय ने दी जानकारी
मध्य प्रदेश के शहरी विकास और आवास मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने मंत्रिमंडल की बैठक के बाद इन फैसलों के बारे में जानकारी साझा की है। विजयवर्गीय ने बताया है कि “पराली जलाकर प्रदूषण फैलाने वालों के खिलाफ राज्य सरकार सख्त कदम उठा रही है, ताकि इस पर लगाम कसी जाए।” कैलाश विजयवर्गीय ने कहा है कि सरकार किसानों को सजा नहीं देना चाहती है। लेकिन किसानों को भी अपने छोटे से लाभ के लिए बड़ा नुकसान नहीं उठाना चाहिए। पराली जलाने के कारण होने वाले प्रदूषण से किसानों के बच्चे भी पीड़ित होंगे।
पर्यावरण संरक्षण के लिए फैसला जरूरी- कैलाश विजयवर्गीय
शहरी विकास और आवास मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने कहा है कि सरकार पराली जलाने वाले किसानों की किसान सम्मान निधि योजना के तहत आर्थिक सहायता को रोक देगी। इसके साथ ही ऐसे किसानों की फसल को एमएसपी पर नहीं खरीदा जाएगा। विजयवर्गीय ने कहा कि पर्यावरण संरक्षण के लिए यह फैसला जरूरी था।
कितनी मिलती है आर्थिक सहायता?
मध्य प्रदेश की सरकार किसानों को किसान सम्मान निधि के रूप में प्रति वर्ष 12,000 रुपये की आर्थिक सहायता देती है। इस रकम में से प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के तहत 6,000 रुपये और राज्य सरकार की ओर से 6000 रुपये दिए जाते हैं। अब अगर किसानों ने पराली जलाई तो उन्हें ये पैसे मिलने में समस्या हो सकती है।