देश के पश्चिमी राज्य गुजरात के निर्माण को 65 साल पूरे हो चुके हैं। गुजरात राज्य की स्थापना 1 मई 1960 को हुई थी। इस दिन बॉम्बे राज्य को दो राज्यों (गुजरात और महाराष्ट्र) में विभाजित कर दिया गया था। इसके बाद से दोनों राज्यों ने देश के आर्थिक और सांस्कृतिक विकास में अहम योगदान दिया। 1947 में जब भारत एक स्वतंत्र देश बना, तो पश्चिमी भारत में बॉम्बे एक अलग राज्य था। 1950 के दशक में संयुक्त महाराष्ट्र समिति ने बॉम्बे के तत्कालीन द्विभाषी राज्य से अलग एक मराठी भाषी राज्य के निर्माण करने की मांग की थी, और सन 1960 में आज ही के दिन देश के इतिहास में गुजरात और महाराष्ट्र के रूप में दो ऐतिहासिक राज्यों का उदय हुआ था।
पश्चिमी भारत में स्थित गुजरात अपनी समृद्ध संस्कृति, विरासत और परंपराओं के लिए जाना जाता है। यह राज्य भारत के कुछ सबसे महत्वपूर्ण ऐतिहासिक स्थलों और पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र है। साबरमती आश्रम, कच्छ का रण और एशियाई शेरों का अंतिम प्राकृतिक आवास पर्यटकों की पहली पसंद में शामिल हैं।
गुजरात का इतिहास
गुजरात का इतिहास भी काफी आकर्षक है, यहां मौर्य, गुप्त और मुगल राजवंशों सहित विभिन्न साम्राज्यों ने शासन किया। गुजरात हमारे पूज्य बापू राष्ट्रपिता महात्मा गांधी जी और “एक भारत श्रेष्ठ भारत” के शिल्पी लौह पुरुष सरदार बल्लभ भाई पटेल जी की जन्मस्थली भी है। देश के मौजूदा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी गुजरात से ही हैं। गुजरात ने हमेशा से ही वैश्विक स्तर के राजनेता दिए हैं, जिन्होंने भारत के विकास की दिशा तय की।
पूर्व का मैनचेस्टर कहा जाता है गुजरात
आज के समय में गुजरात उद्योग और वाणिज्य का केंद्र है। गुजरात का विकास मॉडल एक दशक से अन्य राज्यों को विकास की राह दिखाता रहा है। राजधानी अहमदाबाद को कपड़ा उद्योग के कारण ‘पूर्व का मैनचेस्टर’ कहा जाता है। गुजरात दिवस राज्य के समृद्ध इतिहास और संस्कृति का उत्सव है। इस दिन, लोग विभिन्न सांस्कृतिक गतिविधियों जैसे पारंपरिक नृत्य और संगीत प्रदर्शन में भाग लेते हैं।
इन राज्यों से लगता है बॉर्डर
गुजरात का बॉर्डर उत्तर-पश्चिम में पाकिस्तान, उत्तर में राजस्थान, पूर्व में मध्य प्रदेश और दक्षिण में महाराष्ट्र और केंद्र शासित प्रदेश दीव, दमन, दादरा और नगर हवेली से लगता है। वहीं, दक्षिण-पश्चिम में गुजरात की सीमा अरब सागर से लगती है।
सांस्कृतिक कार्यक्रमों के साथ मनाया जाता है गुजरात दिवस
गुजरात दिवस लोक नृत्यों, पारंपरिक संगीत प्रदर्शनों और जुलूसों सहित कई सांस्कृतिक कार्यक्रमों के साथ मनाया जाता है। उत्सव में राज्य की कला, शिल्प और व्यंजन को दर्शाती हुई विभिन्न प्रदर्शनियां और मेले भी लगते हैं। इसके अतिरिक्त, इस अवसर को कई सरकारी इमारतों और स्मारकों को लाइटों से रोशन किया जाता है।
पीएम मोदी सहित कई नेताओं ने दी शुभकामनाएं
पीएम मोदी ने गुजरात दिवस के मौके पर लिखा “गुजरात के लोगों को उनके राज्य स्थापना दिवस के गौरवपूर्ण अवसर पर मेरी हार्दिक शुभकामनाएं। राज्य ने अपनी संस्कृति, उद्यमशीलता की भावना और गतिशीलता के लिए अपनी अलग पहचान बनाई है। गुजरात के लोगों ने विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्ट प्रदर्शन किया है। राज्य प्रगति की नई ऊंचाइयों को छूता रहे, ऐसी मेरी कामना है।”
On the proud occasion of their Statehood Day, my best wishes to the people of Gujarat. The state has distinguished itself for its culture, spirit of enterprise and dynamism. The people of Gujarat have excelled in various fields. May the state keep attaining new heights of…
— Narendra Modi (@narendramodi) May 1, 2025
गृहमंत्री अमित शाह ने लिखा “अपनी विविध प्राकृतिक संपदा, ऐतिहासिक सांस्कृतिक विरासत और आतिथ्य के लिए प्रसिद्ध गुजरात के सभी बहनों और भाइयों को गुजरात दिवस की बहुत-बहुत शुभकामनाएं। गुजरात ने हमेशा अपनी प्रतिभा, परिश्रम और व्यावहारिक कौशल से दुनिया भर के लोगों को आकर्षित किया है। भक्ति आंदोलन से लेकर स्वतंत्रता आंदोलन और आधुनिक समय तक राष्ट्र निर्माण में प्रमुख योगदान देने वाले गुजरात के लोगों की निरंतर प्रगति और उन्नति के लिए मैं दादा सोमनाथ से प्रार्थना करता हूं।”
વૈવિધ્યસભર કુદરતી સંપદા, ઐતિહાસિક સાંસ્કૃતિક વારસો અને આતિથ્ય માટે પ્રસિદ્ધ ગુજરાતના સૌ બહેનો અને ભાઈઓને ગુજરાત દિવસની અનેકાનેક શુભેચ્છાઓ.
ગુજરાતે હંમેશા પોતાની પ્રતિભા, પરિશ્રમ તેમજ વ્યવહારુ કુશળતા થી વિશ્વભરના લોકોને આકર્ષિત કર્યા છે. ભક્તિ ચળવળથી લઈને સ્વતંત્રતા ચળવળ અને…
— Amit Shah (@AmitShah) May 1, 2025
गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने लिखा “गुजरात राज्य स्थापना दिवस ‘गुजरात गौरव दिवस’ की सभी गुजरातियों को हार्दिक शुभकामनाएं। गुजरात महात्मा गांधीजी, सरदार वल्लभभाई पटेल, श्यामजी कृष्ण वर्मा, रविशंकर महाराज, इंदुचाचा और माननीय प्रधान मंत्री नरेंद्रभाई मोदी जैसे लोक सेवकों की पवित्र भूमि है।”
ગુજરાત રાજ્યના સ્થાપના દિવસ – ‘ગુજરાત ગૌરવ દિવસ’ ની સૌ ગુજરાતીઓને ખૂબ ખૂબ શુભકામનાઓ.
મહાત્મા ગાંધીજી, સરદાર વલ્લભભાઈ પટેલ, શ્યામજી કૃષ્ણ વર્મા, રવિશંકર મહારાજ, ઇન્દુચાચા અને માનનીય વડાપ્રધાન શ્રી નરેન્દ્રભાઈ મોદી જેવા લોકસેવકોની પૂણ્યભૂમિ એટલે ગુજરાત.
ગુજરાતની યશગાથા અને… pic.twitter.com/nwtN1UNbwp
— Bhupendra Patel (@Bhupendrapbjp) May 1, 2025