उत्तराखंड में स्थित बाबा केदारनाथ के कपाट आज खुल गए हैं। आगामी कुछ दिनों में बाकी चार धामों के लिए भी यात्रा शुरू हो जाएगी। उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी ने बाबा केदारनाथ के आज दर्शन किए। इस दौरान बाबा केदारनाथ की धूमधाम से पूजा की गई और बाबा का स्वागत किया गया। इस दौरान सीएम पुष्कर सिंह धामी ने भी बाबा केदारनाथ के आशीर्वाद लिए और अब भक्त बाबा केदारनाथ के दर्शन कर सकते हैं। इस बीच चलिए आपको हम बताते हैं कि केदारनाथ और चारधाम के मद्देनजर उत्तराखंड का मौसम कैसा है और आपको किन चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है।
केदारनाथ धाम कपाट खुलने की झलक:
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2 मई को बाबा केदारनाथ के कपाट विधिवत रूप से श्रद्धालुओं के दर्शन के लिए खोले गए।
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उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी स्वयं बाबा केदारनाथ के दर्शन करने पहुंचे और पूजा-अर्चना में शामिल हुए।
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इस वर्ष यात्रा की शुरुआत भव्य तरीके से की गई, जिसमें पारंपरिक अनुष्ठानों और सैन्य बैंड की भी भागीदारी रही।
मौसम की चुनौतियाँ – अलर्ट और पूर्वानुमान:
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उत्तराखंड मौसम विभाग ने 2 मई से अगले दो दिनों के लिए येलो और ऑरेंज अलर्ट जारी किया है।
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संभावित खतरे:
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तेज़ आंधी (50 किमी/घंटा तक की रफ्तार से हवा)
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बारिश और ओलावृष्टि
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पर्वतीय क्षेत्रों में भूस्खलन का खतरा
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प्रभावित जिले: उत्तरकाशी, देहरादून, नैनीताल, चंपावत, रुद्रप्रयाग, और पिथौरागढ़ आदि।
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चारधाम यात्रा मार्गों पर विशेष सतर्कता की आवश्यकता — विशेषकर केदारनाथ, गंगोत्री, यमुनोत्री और बद्रीनाथ मार्गों पर।
वर्तमान स्थिति (2 मई के अनुसार):
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यमुनोत्री धाम में बारिश शुरू हो चुकी है।
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गंगोत्री धाम में तेज हवाओं के साथ बारिश की संभावना बनी हुई है।
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नैनीताल और उत्तरकाशी में तेज बारिश और तापमान में गिरावट देखी गई है।
श्रद्धालुओं के लिए सुझाव:
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यात्रा शुरू करने से पहले मौसम अपडेट अवश्य लें।
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भारी बारिश या ओलावृष्टि के दौरान खुले क्षेत्रों में रुकने से बचें।
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हल्के, वाटरप्रूफ कपड़े, छाता, रेनकोट और गर्म कपड़े साथ रखें।
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प्रशासन की ओर से दी जा रही एडवाइजरी और निर्देशों का पालन करें।
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बीमार, वृद्ध या छोटे बच्चों के साथ यात्रा कर रहे लोग विशेष सावधानी बरतें।
प्रशासन के लिए प्राथमिकताएँ:
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चारधाम मार्गों पर सुरक्षा बलों की तैनाती।
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राहत शिविर, चिकित्सा इकाइयों, और आपातकालीन संचार नेटवर्क को सक्रिय रखना।
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सड़कों और पुलों की निगरानी ताकि किसी भी भूस्खलन की स्थिति में तीव्र प्रतिक्रिया हो सके।