भारत ने पाकिस्तान के साथ युद्ध जैसे हालात को देखते हुए अमेरिका से 85 ‘वी स्वॉर्ड’ मिसाइल (Hellfire R9X), 48 लॉन्चर और नाइट विजन साइट्स खरीदने का फैसला किया है। ये खरीदारी इमरजेंसी प्रोक्योरमेंट (emergency procurement) के तहत हो रही है, जिसका मतलब है कि भारतीय सेना तत्काल जरूरत को देखते हुए तेज़ी से हथियार खरीद रही है।
क्या है ‘वी स्वॉर्ड’ (Hellfire R9X) मिसाइल?
विशेषता | विवरण |
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🔺 आधिकारिक नाम | AGM-114R9X Hellfire |
🗡️ उपनाम | Flying Ginsu / V-Sword Missile |
🚀 कैसे काम करती है | विस्फोट नहीं करती, बल्कि लक्ष्य तक पहुंचते ही 6 स्टील ब्लेड निकलते हैं, जो सीधे उस व्यक्ति को काटकर मार देते हैं। |
🎯 सटीकता | अत्यधिक सटीक; आसपास मौजूद लोगों को नुकसान नहीं पहुंचाती |
🛰️ कैसे छोड़ी जाती है | आमतौर पर ड्रोन से लॉन्च होती है |
🌍 पहला बड़ा उपयोग | अमेरिका द्वारा 2022 में अल-कायदा नेता अल जवाहिरी को मारने में |
🇮🇳 भारत में संभावित उपयोग | भीड़ में छिपे आतंकियों को मारने के लिए, कोलैटरल डैमेज से बचाव हेतु |
भारत द्वारा खरीदी जा रही चीज़ें:
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85 वी स्वॉर्ड मिसाइल
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48 लॉन्चर (संभवत: ड्रोन या ग्राउंड-लॉन्च विकल्प के साथ)
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नाइट विजन साइट्स (रात में ऑपरेशन के लिए आवश्यक)
भारत को क्यों चाहिए ये मिसाइल?
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सर्जिकल स्ट्राइक या टारगेटेड किलिंग में उपयोगी – भीड़भाड़ वाले इलाकों में आतंकियों को बिना आम नागरिकों को नुकसान पहुंचाए मारने में सक्षम।
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ड्रोन आधारित सटीक हमले – LOC या पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) में छिपे आतंकियों पर प्रहार की क्षमता।
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कम दृश्यता वाला हथियार – बिना धमाके के लक्ष्य को खत्म करने के कारण यह मिसाइल गुप्त ऑपरेशनों के लिए आदर्श है।
यह फैसला भारत की काउंटर-टेररिज़्म नीति को और सशक्त करता है, विशेषकर यदि सीमा पार आतंकवाद को रोकने के लिए “प्रीसाइज़न स्ट्राइक” की ज़रूरत पड़ती है।