केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी द्वारा तेलंगाना में 5 मई 2025 को की गई घोषणाएँ और शिलान्यास इस बात का संकेत हैं कि केंद्र सरकार अब तेलंगाना के बुनियादी ढांचे, विशेषकर सड़क संपर्क और ग्रामीण विकास, को नई प्राथमिकता दे रही है। यह राजनीतिक और विकासात्मक दोनों दृष्टिकोणों से एक महत्वपूर्ण रणनीतिक कदम है।
मुख्य बिंदु (Highlights):
🚧 सड़क परियोजनाएँ:
-
₹3,900 करोड़ की परियोजनाओं का शिलान्यास व उद्घाटन।
-
26 नई सड़क परियोजनाएँ शुरू की गईं।
-
अगले 2 वर्षों में ₹2 लाख करोड़ की नई सड़कें तेलंगाना में बनेंगी।
-
एक लाख करोड़ की लागत से नए एक्सप्रेसवे बनाए जाएंगे।
-
तेलंगाना से इंदौर की यात्रा समय 20 घंटे से घटकर 10 घंटे करने का वादा।
💡 विकास की परिकल्पना:
-
सड़क, जल, बिजली, ट्रांसपोर्ट और संचार को विकास का आधार बताया।
-
कहा – “अमेरिका इसलिए समृद्ध है क्योंकि वहाँ की सड़कें अच्छी हैं। अब बारी तेलंगाना की है।”
👨🌾 कृषि और ग्रामीण विकास:
-
किसानों को सिर्फ अन्नदाता नहीं, बल्कि ऊर्जा, जैव ईंधन, हाइड्रोजन और पोषण का दाता बनाने की योजना।
-
अमृत सरोवर के निर्माण का प्रस्ताव – मुख्यमंत्री से केवल जमीन देने का अनुरोध, बजट की कोई माँग नहीं।
-
स्मार्ट विलेज की बात – केवल शहरी नहीं, ग्रामीण विकास पर भी ज़ोर।
🧑🎓 व्यक्तिगत पक्ष:
-
खुद को “इंजीनियर नहीं” बताते हुए कहा कि उन्हें 13 डॉक्टरेट, जिनमें 7 कृषि क्षेत्र में हैं।
राजनीतिक और सामाजिक संदेश:
-
तेलंगाना में बीजेपी का प्रभाव बढ़ाने की कोशिश – बड़े पैमाने पर केंद्रीय निवेश का वादा और योजनाओं का शिलान्यास।
-
कृषि और ग्रामीण मतदाताओं को साधने की रणनीति – पानी, सड़क और किसान-उन्मुख योजनाओं पर ज़ोर।
-
मुख्यमंत्री से सहयोग की सार्वजनिक अपील – दिखाता है कि केंद्र राज्य के साथ मिलकर काम करना चाहता है।
-
इंदौर से कनेक्टिविटी का विशेष उल्लेख – यह संकेत करता है कि यह परियोजना दक्षिण और मध्य भारत को जोड़ने की रणनीति का हिस्सा है।
निष्कर्ष:
यह घोषणा न केवल तेलंगाना की अधोसंरचना (infrastructure) को मजबूती देने की दिशा में एक बड़ा कदम है, बल्कि यह भी दर्शाती है कि केंद्र सरकार अब तेलंगाना जैसे राज्यों में राजनीतिक उपस्थिति मजबूत करने के लिए विकास-आधारित मॉडल अपना रही है।