भारत और पाकिस्तान के बीच पहलगाम आतंकी हमले के बाद बढ़े तनाव पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) की बंद कमरे में चर्चा इस बात का संकेत है कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय इस स्थिति को लेकर चिंतित है — और वह पाकिस्तान की भूमिका को लेकर अब और ज्यादा सतर्क हो गया है।
मुख्य बिंदु:
📍 पहलगाम आतंकी हमला और जवाबदेही:
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UNSC ने इस हमले की कड़ी निंदा की।
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सदस्य देशों ने इस पर जवाबदेही तय करने की जरूरत बताई।
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यह भी पूछा गया कि क्या लश्कर-ए-तैयबा (LeT) इस हमले में शामिल था।
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पर्यटकों को धार्मिक आधार पर निशाना बनाए जाने की भी चर्चा हुई, जो इसे सांप्रदायिक आतंकवाद की श्रेणी में ला सकता है।
📍 पाकिस्तान पर कड़े सवाल:
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पाकिस्तान द्वारा लगाए गए ‘झूठे आरोपों’ को UNSC सदस्यों ने खारिज कर दिया।
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पाकिस्तान की ओर से की जा रही परमाणु बयानबाजी और मिसाइल परीक्षणों को तनाव बढ़ाने वाला बताया गया।
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पाकिस्तान को द्विपक्षीय बातचीत से समाधान निकालने की सलाह दी गई — जो भारत की स्थायी नीति (Simla Agreement और Lahore Declaration) के अनुरूप है।
📍 पाकिस्तान की अंतरराष्ट्रीय मंच पर विफलता:
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पाकिस्तान की कोशिश रही कि वह खुद को पीड़ित के रूप में पेश करे, लेकिन UNSC में उसे समर्थन नहीं मिला।
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यह पाकिस्तान की कूटनीतिक अलगाव की स्थिति को भी दर्शाता है।
रणनीतिक प्रभाव और भारत का रुख:
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भारत का रुख अब स्पष्ट है: वह सीधी बातचीत और आतंक पर ज़ीरो टॉलरेंस की नीति पर कायम है।
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अगर पाकिस्तान प्रॉक्सी आतंक के जरिए हमला करता है, तो भारत सर्जिकल स्ट्राइक या डिप्लोमैटिक आइसोलेशन जैसे जवाबों से पीछे नहीं हटेगा।
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संयुक्त राष्ट्र में पाकिस्तान की किरकिरी होना भारत की कूटनीतिक सफलता मानी जा सकती है।