भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव के मद्देनजर भारत सरकार ने सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत करते हुए 7 मई को देशभर में मॉक एयर रेड ड्रिल का ऐलान किया है। गृह मंत्रालय ने सभी राज्यों को दिशा-निर्देश जारी करते हुए कहा है कि इस मॉक ड्रिल में एयर रेड वार्निंग सायरन बजाया जाएगा, जिससे नागरिकों को युद्ध जैसी स्थिति में सतर्क रहने और जान बचाने के उपायों की जानकारी दी जा सके।
क्या होता है एयर रेड सायरन?
एयर रेड सायरन एक चेतावनी अलार्म है जो दुश्मन के हवाई हमले की आशंका होने पर कुछ सेकेंड पहले बजाया जाता है। इससे लोग सुरक्षित स्थानों पर शरण ले सकते हैं। इजराइल और यूक्रेन जैसे देशों में यह सिस्टम पहले से ही प्रभावी रूप से काम कर रहा है। भारत के हवाई अड्डों और एयरफोर्स बेस में भी यह सायरन पहले से मौजूद है। जब दुश्मन देश की ओर से कोई मिसाइल, रॉकेट या फाइटर जेट भारतीय सीमा में प्रवेश करता है, तो वायुसेना का रडार उसे पकड़ लेता है और तुरंत सायरन बजा दिया जाता है।
कैसे करें बचाव
युद्ध की स्थिति में दुश्मन जब बड़े शहरों को निशाना बनाता है या हवाई हमला करता है तो हमारे पास बचने के लिए कई इन्फ्रास्ट्रक्चर मौजूद हैं. जहां एयर रेड सायरन सुनते ही लोग बचाव के लिए भाग सकते हैं. पूर्व DIG एस एस गुलेरिया बताते हैं कि भारत में कई निर्माण ऐसे हैं जो हवाई हमले को झेल सकते हैं और आपात स्थिति में नागरिकों को बचाने के लिए काम आ सकते हैं. बड़े शहरों में एयर सायरन रेड अलर्ट मिलते ही अगर आप भीड़भाड़ वाली जगह पर है तो तुरंत पास के सब-वे या अंडरपास में जाकर छुप सकते हैं. बड़े शहरों में बनाए गए अंडरपास का निर्माण बेहद मज़बूत होता है क्योंकि उनके ऊपर से बस ट्रक जैसी भारी गाड़ियां भी गुजरती हैं. ऐसे में अगर रॉकेट या मिसाइल का टुकड़ा सब वे या अंडरपास के ऊपर गिरता है ये तो उसका असर बेहद कम होता है.
हवाई हमले के अलर्ट के स्थिति में अगर आप खुली जगह में हैं तो किसी ऐसे फ्लाईओवर के नीचे तत्काल चले जाए जिसकी उंचाई कम हो. अगर आप किसी इमारत में है तो ये रेड सायरन बजने की स्थिति में इमारत के मुख्य द्वार से दूर हट जाएं, इमारत के ऐसे हिस्से में न खड़े हो जहां सिर्फ एक परत की दीवार या चारों तरफ बड़ी खिड़कियां हों. इमारत के उस हिस्से में चले जाए या ऐसे किसी कमरे में चले जाए जिसकी दीवारों के बाहर भी दीवार की परत हो. आमतौर पर किसी इमारत में बनाए गए शौचालय उसके बीच में होते हैं. जिसके चारों ओर दीवारें होती है ऐसे में हवाई हमले से बचाव के लिए ये बेहतर जगह है.
सरकार की तैयारी और उद्देश्य
इस मॉक ड्रिल का उद्देश्य देश के नागरिकों को युद्ध जैसी आपातकालीन परिस्थितियों में मानसिक रूप से तैयार करना है, जिससे जान-माल की हानि को कम किया जा सके। सरकार चाहती है कि आम लोग जानें कि सायरन बजने का मतलब क्या होता है और उन्हें क्या कदम उठाने चाहिए। 7 मई को जब सायरन बजे, तो घबराएं नहीं। यह एक अभ्यास है ताकि अगर कभी वास्तविक खतरा आए, तो आप खुद को और अपने परिवार को सुरक्षित रखने में सक्षम हों।