केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बुधवार को पाकिस्तान और नेपाल की सीमा से लगे राज्यों के मुख्यमंत्रियों, मुख्य सचिवों और पुलिस महानिदेशकों (डीजीपी) की एक आपात बैठक बुलाई है.सूत्रों ने बताया कि पहलगाम आतंकवादी हमले के जवाब में पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले जम्मू कश्मीर में आतंकवादी ठिकानों पर भारतीय सशस्त्र बलों द्वारा किए गए हमलों के मद्देनजर यह बैठक बुलाई गई है.
#WATCH | Delhi | Union Home Minister Amit Shah holds a meeting with Chief Ministers, DGPs and Chief Secretaries of border states
CMs of J&K, Punjab, Rajasthan, Gujarat, Uttarakhand, Uttar Pradesh, Bihar, Sikkim, West Bengal and LG of Ladakh and LG of Jammu and Kashmir… pic.twitter.com/FXnGzTOGCV
— ANI (@ANI) May 7, 2025
बैठक का उद्देश्य
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सीमा से लगे राज्यों को अलर्ट पर रखना
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आंतरिक सुरक्षा की समीक्षा और समन्वय
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केंद्रीय बलों की तैनाती और जवाबदेही सुनिश्चित करना
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छुट्टी पर गए कर्मियों की तत्काल वापसी के निर्देश
बैठक में शामिल राज्य और क्षेत्र
राज्य/केंद्रशासित प्रदेश | कारण |
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जम्मू-कश्मीर | आतंकवादी हमले का केंद्र, हाई अलर्ट |
पंजाब, राजस्थान, गुजरात | पाकिस्तान सीमा से सटे राज्य |
उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, बिहार, सिक्किम, पश्चिम बंगाल | नेपाल सीमा के कारण संभावित घुसपैठ का खतरा |
लद्दाख | नियंत्रण रेखा और संवेदनशील रणनीतिक महत्व |
प्रतिनिधि:
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मुख्यमंत्री
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मुख्य सचिव
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डीजीपी
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लद्दाख के उपराज्यपाल
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सभी CISF, BSF, ITBP, CRPF, SSB आदि बलों के प्रमुख
अमित शाह के बयान के मुख्य बिंदु
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“ऑपरेशन सिंदूर निर्दोष नागरिकों की हत्या के जवाब में भारत की निर्णायक प्रतिक्रिया है।”
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“मोदी सरकार हर आतंकी हमले का मुंहतोड़ जवाब देने के लिए प्रतिबद्ध है।”
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“देश की आंतरिक सुरक्षा से कोई समझौता नहीं।”
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“घुसपैठ, स्लीपर सेल्स, आतंकी मॉड्यूल पर लगातार निगरानी ज़रूरी।”
इस बैठक का रणनीतिक महत्व
क्षेत्र | प्रभाव |
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आंतरिक सुरक्षा | Z+ स्तर की निगरानी, संवेदनशील क्षेत्रों में गश्त बढ़ेगी |
सुरक्षा बलों की सक्रियता | छुट्टी पर गए कर्मियों की वापसी, तैनाती तेज |
राज्य-केंद्र समन्वय | पहली बार सभी सीमावर्ती राज्य एक प्लेटफॉर्म पर |
खुफिया निगरानी | IB, RAW, NIA को निर्देश: नेपाल और बांग्लादेश मार्गों पर फोकस |
सुरक्षा से जुड़े तत्काल कदम जो लिए जा सकते हैं:
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भारत-नेपाल और भारत-बांग्लादेश सीमा पर विशेष तलाशी अभियान
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रेलवे स्टेशनों, बस टर्मिनलों और धार्मिक स्थलों पर सुरक्षा बढ़ाना
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स्लीपर सेल्स की धरपकड़ के लिए विशेष छापेमारी अभियान (ATS/NIA द्वारा)
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संवेदनशील जिलों में इंटरनेट निगरानी और ड्रोन पेट्रोलिंग
निष्कर्ष: अब ‘रिएक्टिव’ नहीं, ‘प्रि-एम्पटिव’ भारत
गृह मंत्रालय की इस व्यापक रणनीति से यह स्पष्ट है कि:
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भारत अब सिर्फ प्रतिक्रिया देने वाला देश नहीं रहा, बल्कि अब वो पूर्व-चेतावनी और निवारक कार्रवाई की नीति पर चल रहा है।
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सीमा-पार आतंकवाद और भीतर के आतंकी नेटवर्क, दोनों पर एक साथ दबाव डाला जा रहा है।