‘ऑपरेशन सिंदूर’ भारत द्वारा पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) में स्थित आतंकवादी ठिकानों पर की गई एक सटीक सैन्य कार्रवाई है, जो पहलगाम आतंकी हमले के प्रतिशोध में की गई है। इस ऑपरेशन से जुड़ी कुछ प्रमुख बातें निम्नलिखित हैं:
ऑपरेशन सिंदूर: मुख्य बिंदु
- कार्रवाई का उद्देश्य:
- जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए हमले (जिसमें 26 नागरिक मारे गए) के जवाब में यह ऑपरेशन किया गया।
- यह प्रतिशोधात्मक स्ट्राइक थी, जिसमें जैश-ए-मोहम्मद और लश्कर-ए-तैयबा जैसे आतंकी संगठनों के अड्डे निशाने पर थे।
- हमले के लक्ष्य:
- कुल 9 आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया गया।
- इनमें बहावलपुर (जैश का गढ़) और मुरीदके (लश्कर का अड्डा) शामिल हैं।
- यह हमले मिसाइल स्ट्राइक के माध्यम से किए गए।
- मारे गए आतंकियों की संख्या:
- प्रारंभिक रिपोर्ट के अनुसार, करीब 100 आतंकियों के मारे जाने की बात सामने आई है।
- ऑपरेशन अभी जारी है:
- रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सर्वदलीय बैठक में स्पष्ट किया कि ऑपरेशन सिंदूर अभी समाप्त नहीं हुआ है।
- सीमाओं पर तेजी से बदलते हालात के कारण सभी जानकारियाँ साझा नहीं की जा सकतीं।
- सर्वदलीय बैठक:
- इस बैठक में विपक्ष और सत्ता दोनों के प्रमुख नेता मौजूद थे।
- रक्षा मंत्री, गृहमंत्री, विदेश मंत्री सहित वरिष्ठ कैबिनेट सदस्य मौजूद थे।
- विपक्ष की ओर से कांग्रेस, सपा, आप, टीएमसी, शिवसेना (UBT), एनसीपी, जदयू और अन्य पार्टियों के नेता मौजूद थे।
- विपक्ष की प्रतिक्रिया:
- मल्लिकार्जुन खरगे ने प्रधानमंत्री की अनुपस्थिति का मुद्दा उठाया।
- विपक्ष ने एक बार फिर संसद का विशेष सत्र बुलाने की मांग की है।
- लेकिन अधिकांश विपक्षी दलों ने सरकार की इस कार्रवाई का समर्थन किया।
रणनीतिक संकेत और राजनीतिक मायने:
- यह ऑपरेशन भारत की बदलती सैन्य रणनीति और प्रतिक्रिया देने की तत्परता को दर्शाता है।
- पाकिस्तान को स्पष्ट संदेश दिया गया है कि भारत अब आतंकी हमलों को बिना जवाब के नहीं छोड़ेगा।
- अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी भारत यह दर्शा रहा है कि उसकी सॉवरेनिटी और नागरिकों की सुरक्षा सर्वोपरि है।