भारत और पाकिस्तान के बीच सीमा पर तनाव लगातार बढ़ता जा रहा है। बीते कुछ दिनों में पाकिस्तान द्वारा ड्रोन और मिसाइल से किए गए हमलों को भारत ने अपने अत्याधुनिक एयर डिफेंस सिस्टम के जरिए पूरी तरह से विफल कर दिया है। ऐसे संवेदनशील समय में आज महाराणा प्रताप जयंती के अवसर पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने वीरता, स्वाभिमान और राष्ट्रभक्ति की मिसाल पेश करने वाले इस ऐतिहासिक योद्धा को याद करते हुए एक प्रेरक संदेश साझा किया।
रक्षा मंत्री ने X (पूर्व ट्विटर) पर लिखा:
“वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप जी की जयंती पर मैं उन्हें स्मरण करते हुए नमन करता हूं। वे भारतीय इतिहास के ऐसे महानायक हैं जिन्होंने अपनी मातृभूमि के ‘मान, सम्मान और स्वाभिमान’ की रक्षा के लिए अपना सर्वस्व न्यौछावर कर दिया।”
उन्होंने आगे दानवीर भामाशाह को भी याद किया, जिन्होंने संकट के समय महाराणा प्रताप की सहायता के लिए अपना संपूर्ण धन समर्पित कर दिया था। राजनाथ सिंह ने लिखा कि भामाशाह का त्याग और दान भारतीय इतिहास में अद्वितीय उदाहरण हैं।
वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप जी की जयंती पर मैं उन्हें स्मरण करते हुए नमन करता हूँ। वे भारतीय इतिहास के ऐसे महानायक हैं जिन्होंने अपनी मातृभूमि के ‘मान,सम्मान और स्वाभिमान’ की रक्षा के लिए अपना सर्वस्व न्यौछावर कर दिया।
महाराणा प्रताप ने सिर्फ़ शौर्य और पराक्रम का ही अपने जीवन में…
— Rajnath Singh (@rajnathsingh) May 9, 2025
पटना के ‘राणा-भामा सम्मेलन’ में नहीं हुए शामिल
रक्षा मंत्री ने यह भी बताया कि उन्हें आज पटना में आयोजित ‘राणा-भामा सम्मेलन’ को संबोधित करना था, लेकिन “अपरिहार्य कारणों” से वह उसमें शामिल नहीं हो सके। माना जा रहा है कि यह अनुपस्थिति वर्तमान सैन्य परिस्थितियों और उच्च स्तरीय बैठकों की वजह से हुई है।
तीनों सेनाओं के प्रमुखों के साथ अहम बैठक जारी
इसी बीच रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह राजधानी दिल्ली में थल सेना, वायु सेना और नौसेना के प्रमुखों के साथ एक महत्वपूर्ण बैठक कर रहे हैं। इस बैठक में सीडीएस जनरल अनिल चौहान भी मौजूद हैं। यह बैठक पाकिस्तान द्वारा 8 मई की रात किए गए मिसाइल और ड्रोन हमलों के जवाब और आगे की रणनीति को लेकर हो रही है।
सरकार की ओर से आज प्रेस कॉन्फ्रेंस संभव
सूत्रों के अनुसार, पाकिस्तान के हालिया हमले और भारत की जवाबी कार्रवाई को लेकर आज केंद्र सरकार की ओर से एक आधिकारिक प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित की जा सकती है, जिसमें विस्तृत जानकारी दी जाएगी।
जहां एक ओर भारत वीर महाराणा प्रताप की वीरता और त्याग को स्मरण कर रहा है, वहीं दूसरी ओर आज का भारत उनके दिखाए रास्ते पर चलते हुए हर चुनौती का दृढ़ता से सामना कर रहा है। वर्तमान में भारत की सैन्य तैयारी, तकनीकी क्षमता और नेतृत्व की स्पष्टता यह संकेत देती है कि राष्ट्र की ‘अखंडता और सम्मान’ के साथ कोई समझौता नहीं होगा।