महाराष्ट्र राज्य के साइबर विभाग ने वर्तमान सीमा पार तनाव को देखते हुए एक महत्वपूर्ण घोषणा की है, जिसमें उन्होंने गलत सूचना और भ्रामक खबरों के प्रसार के खिलाफ कार्रवाई करने का वचन लिया है। विभाग के अनुसार, वर्तमान समय में सीमा और इसके आसपास के क्षेत्रों में विकास से संबंधित सटीक और समय पर जानकारी बेहद महत्वपूर्ण है।
हालांकि, इस समय में कई डिजिटल प्लेटफार्मों और सोशल मीडिया नेटवर्क पर फर्जी खबरों का प्रसार भी हो रहा है। यह गलत जानकारी सामाजिक अशांति और गुमराह करने के प्रयासों को बढ़ावा देती है, जिससे राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरा पैदा हो सकता है।
मुख्य मुद्दे:
- गलत सूचना के खतरे:
- पाकिस्तान से संबंधित सैन्य गतिविधियों, रणनीतिक अभियानों, और जवाबी कार्रवाइयों से संबंधित फर्जी खबरों का प्रसार हो रहा है, जो राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए गंभीर खतरे पैदा कर सकती हैं।
- इस तरह की असत्यापित जानकारी तनाव बढ़ाने का काम करती है, और सोशल मीडिया पर इसे बढ़ावा देने वाले असामाजिक तत्व जनता में दहशत फैलाने की कोशिश कर रहे हैं।
- नोटिस और कार्रवाई:
- महाराष्ट्र साइबर विभाग ने इन झूठी पोस्ट को हटाने के लिए नोटिस जारी किए हैं, और वह प्लेटफार्म ऑपरेटरों और प्रवर्तन एजेंसियों के साथ मिलकर इस पर कार्रवाई कर रहे हैं।
- विभाग एक सुरक्षित सूचना वातावरण बनाए रखने के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है और लगातार इस तरह के दुष्प्रचार पर नजर रखे हुए हैं।
- कानूनी चेतावनी:
- जानबूझकर या अनजाने में गलत सूचना फैलाना कानूनी अपराध है, और इसके खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी।
- नागरिकों को विशेष रूप से राष्ट्रीय महत्व के मामलों में सतर्क रहने की सलाह दी गई है और कहा गया है कि वे सिर्फ आधिकारिक स्रोतों से ही जानकारी प्राप्त करें और साझा करें।
- आधिकारिक संचार स्रोत:
- भारत सरकार राष्ट्रीय सुरक्षा और रक्षा से संबंधित बयान, अपडेट और प्रेस विज्ञप्ति के लिए सत्यापित और आधिकारिक प्लेटफार्म का उपयोग करती है। नागरिकों से अनुरोध किया गया है कि वे केवल इन आधिकारिक स्रोतों पर भरोसा करें।
इस संकटपूर्ण समय में जहां सीमा पर तनाव बढ़ा हुआ है, नागरिकों से यह आग्रह किया गया है कि वे सामाजिक मीडिया और डिजिटल प्लेटफार्मों पर फैलने वाली गलत जानकारी से बचें और सिर्फ आधिकारिक चैनल से प्राप्त समाचारों पर भरोसा करें। इससे राष्ट्रीय सुरक्षा और सामाजिक शांति बनाए रखने में मदद मिलेगी।
महाराष्ट्र साइबर विभाग का यह कदम एक जिम्मेदार नागरिकता को बढ़ावा देने और सही सूचना के प्रसार में मदद करने के उद्देश्य से है।