भारत और पाकिस्तान के बीच हालिया सैन्य टकराव और 10 मई को हुए संघर्षविराम (Ceasefire) को लेकर है। इस घटना ने न केवल दक्षिण एशिया बल्कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय का भी ध्यान आकर्षित किया है।
अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रियाएं
सऊदी क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान का बयान
“हम पाकिस्तान और भारत के बीच संघर्षविराम का स्वागत करते हैं। हमें उम्मीद है कि यह कदम क्षेत्रीय स्थिरता और शांति की दिशा में सहायक होगा।”
– GCC बैठक में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और अन्य नेताओं के सामने।
अन्य देशों की प्रतिक्रियाएं
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संयुक्त राष्ट्र: “यह एक सकारात्मक संकेत है, वार्ता का रास्ता खुला रहना चाहिए।”
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अमेरिका, रूस, फ्रांस, जापान: सभी ने शांति का समर्थन किया और आतंक के विरुद्ध भारत के अधिकार को उचित बताया।
इस पूरे घटनाक्रम का विश्लेषण
पहलू | विवरण |
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भारत का दृष्टिकोण | आतंक के खिलाफ निर्णायक कार्रवाई, सीमित युद्ध की रणनीति। |
पाकिस्तान की स्थिति | सैन्य नुकसान और अंतरराष्ट्रीय दबाव के कारण बातचीत की ओर झुकाव। |
कूटनीतिक परिणाम | भारत को वैश्विक समर्थन, पाकिस्तान पर बढ़ा दबाव। |
क्षेत्रीय असर | एलओसी पर शांति की संभावना बढ़ी, पर स्थायित्व संदिग्ध। |
22 अप्रैल: पाकिस्तानी आतंकी हमला (पहलगाम, J&K)
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पाकिस्तानी आतंकियों ने पहलगाम में 26 निर्दोष नागरिकों की हत्या कर दी।
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हमले के बाद पूरे भारत में आक्रोश की लहर दौड़ गई।
भारत की जवाबी कार्रवाई
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भारतीय सशस्त्र बलों ने:
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पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) के आतंकी लॉन्च पैड्स को नष्ट किया।
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पाकिस्तानी एयरबेस, कमांड और कंट्रोल सेंटर, रडार, एयर डिफेंस यूनिट्स को निशाना बनाकर 11 प्रमुख सैन्य ठिकानों को तबाह कर दिया।
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भारत ने सटीकता से की गई जवाबी कार्रवाई से पाकिस्तान को रणनीतिक और मनोवैज्ञानिक रूप से कमजोर कर दिया।
पाकिस्तान की जवाबी कार्रवाई (विफल प्रयास)
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पाकिस्तान ने जम्मू-कश्मीर, पंजाब, गुजरात तक:
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ड्रोन, फाइटर जेट, मिसाइल हमले किए।
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भारतीय सेना ने एयर डिफेंस सिस्टम (S-400 और स्वदेशी तकनीक) से इन हमलों को निष्फल कर दिया।
10 मई: संघर्षविराम (Ceasefire)
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पाकिस्तान के अनुरोध पर भारत ने सीजफायर को सहमति दी।
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इसमें कोई औपचारिक समझौता नहीं, पर दोनों देशों ने सीमा पर गोलीबारी रोकने की घोषणा की।