भारत द्वारा The Resistance Front (TRF) को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) की 1267 प्रतिबंध सूची में शामिल कराने की तैयारी एक महत्वपूर्ण राजनयिक और सुरक्षा रणनीति का हिस्सा है।
भारत की तैयारी: TRF को आतंकी संगठन घोषित कराने की मुहिम
पृष्ठभूमि: पहलगाम आतंकी हमला (22 अप्रैल)
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जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में सुरक्षाबलों को निशाना बनाकर हमला किया गया।
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हमले की जिम्मेदारी TRF ने ली।
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TRF, लश्कर-ए-तैयबा (LeT) का ही एक प्रॉक्सी संगठन है।
TRF: कौन है ये आतंकी संगठन?
विशेषता | विवरण |
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पूरा नाम | The Resistance Front (TRF) |
गठन | 2019, अनुच्छेद 370 हटने के बाद |
संबद्धता | लश्कर-ए-तैयबा (LeT) से जुड़ा प्रॉक्सी |
मुख्य गतिविधियाँ | J&K में आतंकी हमले, सोशल मीडिया पर भारत विरोधी प्रचार |
गठन की प्रकृति | शुरुआत में ऑनलाइन संगठन, फिर ग्राउंड आधारित आतंकवादी नेटवर्क |
भारत का प्रस्ताव: UNSC 1267 प्रतिबंध सूची में TRF को डालना
UNSC 1267 प्रतिबंध समिति क्या है?
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यह समिति अंतरराष्ट्रीय आतंकवादियों और संगठनों (जैसे अल-कायदा, ISIS, LeT आदि) को प्रतिबंधित करने के लिए बनी है।
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इसमें किसी व्यक्ति या संगठन को “ग्लोबल टेररिस्ट” घोषित कर प्रतिबंध लगाया जा सकता है:
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संपत्ति जब्त
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यात्रा प्रतिबंध
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हथियारों की आपूर्ति पर रोक
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भारत क्या कर रहा है?
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UN में साक्ष्य पेश करने की तैयारी:
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TRF की जिम्मेदारी वाले हमलों का दस्तावेजीकरण
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लश्कर से लिंक दिखाने वाले इंटरसेप्ट्स और खुफिया रिपोर्ट
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अन्य देशों से समर्थन जुटाना:
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विशेषकर UNSC के स्थायी सदस्य देशों (P5: अमेरिका, रूस, चीन, फ्रांस, यूके) से
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चुनौती: चीन का वीटो
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अतीत में चीन ने पाकिस्तान समर्थित संगठनों (जैसे मसूद अजहर या हाफिज सईद) पर वीटो लगाकर बाधा डाली है।
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यह प्रस्ताव तभी पास होगा जब सभी स्थायी सदस्य देश सहमत हों।
रणनीतिक महत्व:
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TRF पर प्रतिबंध से पाकिस्तान की आतंकी प्रॉक्सी नीति बेनकाब होगी।
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भारत की कूटनीतिक शक्ति और आतंकवाद के खिलाफ वैश्विक अभियान को मजबूती मिलेगी।
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यह जम्मू-कश्मीर में “अलगाववाद को समर्थन देने वाली ताकतों” पर सीधा हमला होगा।
भारत का यह प्रयास राजनयिक दबाव के माध्यम से पाकिस्तान-प्रेरित आतंकवाद को वैश्विक मंच पर उजागर करने का हिस्सा है। यदि TRF को UNSC द्वारा आतंकी संगठन घोषित कर दिया गया, तो यह एक अहम कूटनीतिक जीत होगी और आतंकवाद के खिलाफ भारत की स्थिति को और मज़बूती मिलेगी।