रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह का श्रीनगर दौरा और ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर उनका बयान भारत की आतंकवाद के खिलाफ बदली हुई रणनीति और स्पष्ट नीति का एक मजबूत संकेतक है। इस दौरे और उनके वक्तव्यों में कई महत्वपूर्ण संदेश निहित हैं—सैन्य, राजनीतिक और रणनीतिक दृष्टिकोण से।
मुख्य बातें: राजनाथ सिंह का श्रीनगर दौरा और बयान
🔴 ऑपरेशन सिंदूर – अब तक की सबसे बड़ी जवाबी कार्रवाई
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22 अप्रैल के पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान और पीओके में आतंकी ठिकानों पर निशाना साधा।
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इस कार्रवाई को ‘ऑपरेशन सिंदूर’ नाम दिया गया, जिसे भारत की अब तक की सबसे बड़ी प्रतिरोधात्मक सैन्य कार्रवाई कहा जा रहा है।
📍 श्रीनगर में बयान:
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राजनाथ सिंह ने कहा:
“आतंकियों ने धर्म के नाम पर निर्दोषों की हत्या की, हमने उनके कर्मों के आधार पर उन्हें नष्ट किया।”
🎖️ सैनिकों से मुलाकात:
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बादामी बाग छावनी में सैनिकों को संबोधित किया।
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खुद को एक “डाकिया” बताते हुए कहा कि वे देशवासियों की ओर से जवानों को साहस, समर्पण और वीरता के लिए धन्यवाद देने आए हैं।
आतंकवाद पर भारत की नई नीति: स्पष्ट और निर्णायक
🔹 प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की रणनीति:
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“वार्ता और आतंकवाद साथ-साथ नहीं चल सकते।”
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पाकिस्तान से कोई भी बातचीत:
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केवल आतंकवाद पर
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केवल पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (PoJK) पर होगी
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🔹 सीमा उल्लंघन पर चेतावनी:
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“अगर समझौते का उल्लंघन हुआ, तो पाकिस्तान को करारा जवाब मिलेगा”
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राजनाथ सिंह ने दोहराया कि भारत अब रक्षात्मक नहीं, प्रतिक्रियात्मक और निर्णायक नीति पर काम कर रहा है।
पाकिस्तान की परमाणु नीति पर सवाल
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राजनाथ सिंह ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से पूछा:
“क्या पाकिस्तान के पास परमाणु हथियार सुरक्षित हैं?”
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यह बयान वैश्विक मंच पर पाकिस्तान की जिम्मेदारियों पर सवाल खड़ा करता है, और यह दिखाता है कि भारत केवल सैन्य ही नहीं, कूटनीतिक स्तर पर भी सक्रिय है।
रणनीतिक और राजनीतिक संकेत:
बिंदु | संकेत |
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ऑपरेशन सिंदूर | भारत की proactive (सक्रिय) सुरक्षा नीति |
जम्मू-कश्मीर दौरा | क्षेत्रीय स्थिरता और जवानों के मनोबल को बल |
PoJK और वार्ता का मुद्दा | भारत का एकीकृत दृष्टिकोण: PoJK भारत का हिस्सा |
परमाणु टिप्पणी | पाकिस्तान को अंतरराष्ट्रीय दबाव में लाना |
निष्कर्ष:
राजनाथ सिंह का बयान और दौरा सिर्फ राजनीतिक वक्तव्य नहीं, बल्कि एक ठोस सैन्य-सामरिक दृष्टिकोण की पुष्टि है।
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इससे स्पष्ट होता है कि भारत अब आतंकवाद को लेकर कोई ‘रणनीतिक अस्पष्टता’ (strategic ambiguity) नहीं रखेगा।
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पाकिस्तान को यह साफ संदेश गया है कि भारत की नीति अब ‘पहले आप, अब हम’ नहीं, बल्कि ‘तत्काल और निर्णायक जवाब’ की है।