पहलगाम आतंकी हमले के जवाब में भारत द्वारा पाकिस्तान में आतंकियों के ठिकानों को नष्ट करने के लिए चलाए गए ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कूटनीतिक हलचल तेज़ हो गई है। इस ऑपरेशन में चीन और तुर्की द्वारा पाकिस्तान का पक्ष लेने के बाद भारत सरकार ने स्पष्ट संकेत दिया है कि वह राष्ट्रविरोधी ताकतों के साथ किसी भी प्रकार की साझेदारी को बर्दाश्त नहीं करेगी।
अडाणी एयरपोर्ट्स ने तोड़ा ड्रैगनपास से संबंध
इसी के तहत, अडाणी एयरपोर्ट होल्डिंग्स लिमिटेड (AAHL) ने चीनी कंपनी ड्रैगनपास के साथ अपना करार तत्काल प्रभाव से रद्द कर दिया है।
- ड्रैगनपास, भारत के अडाणी एयरपोर्ट्स पर यात्रियों को लाउंज एक्सेस सेवाएं प्रदान करती थी।
- अब इस साझेदारी के समाप्त हो जाने के बाद ड्रैगनपास कस्टमर्स को अडाणी एयरपोर्ट्स पर लाउंज एक्सेस नहीं मिलेगा।
- कंपनी प्रवक्ता ने इसकी पुष्टि करते हुए कहा कि अन्य यात्रियों के अनुभवों या लाउंज सेवाओं पर इसका कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा।
सिर्फ एक हफ्ते पहले हुआ था समझौता
दिलचस्प बात यह है कि यह करार सिर्फ एक सप्ताह पहले ही अडाणी डिजिटल लैब्स द्वारा यात्रियों के अनुभवों को बेहतर बनाने के उद्देश्य से किया गया था।
- लेकिन राष्ट्रीय सुरक्षा और सामरिक नीति को प्राथमिकता देते हुए इस सहयोग को खत्म कर दिया गया।
- अडाणी डिजिटल लैब्स, अडाणी एंटरप्राइजेज लिमिटेड के अंतर्गत भारत में हवाई अड्डों के डिजिटल विस्तार में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।
भारत का सख्त संदेश
यह फैसला केवल एक कॉरपोरेट निर्णय नहीं, बल्कि भारत की नीति परिवर्तन का स्पष्ट संकेत है:
- चीन और तुर्की जैसे देशों द्वारा आतंक के समर्थन की स्थिति में भारत अब आर्थिक और रणनीतिक मोर्चे पर भी जवाब दे रहा है।
- यह कदम दिखाता है कि सरकारी और निजी क्षेत्र मिलकर सामरिक हितों को सर्वोपरि रख रहे हैं।
भारत का यह रुख यह दर्शाता है कि आतंकवाद के समर्थन में खड़े देशों के साथ भारत अब किसी भी स्तर पर नरमी नहीं बरतेगा। अडाणी एयरपोर्ट्स द्वारा ड्रैगनपास के साथ करार तोड़ना उसी नीति का हिस्सा है। आने वाले दिनों में अन्य भारतीय कंपनियों और सरकार से और भी ठोस कदम देखने को मिल सकते हैं।