पंजाब और हरियाणा में बीते कुछ समय से खालिस्तानी और पाकिस्तान की ISI की गतिविधियाँ बढ़ गई हैं। खुफिया एजेंसियों का कहना है कि ISI की मदद से खालिस्तानी आतंकी भारत में घुसपैठ कर रहे हैं। वे ड्रोन और दूसरे तरीकों से पंजाब-हरियाणा में हथियार और गोला-बारूद भेज रहे हैं।
खालिस्तानी आतंकियों की गिरफ्तारियाँ और बरामदगी
हरियाणा के कैथल में 17 मई 2025 को देवेंद्र नाम के एक जासूस को पकड़ा गया। वह भारत-पाक संघर्ष और ऑपरेशन सिंदूर की गोपनीय जानकारी पाकिस्तानी सेना और ISI को देता था। उसके पास से कई उपकरण मिले, जिनकी पुलिस जाँच कर रही है।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, NIA ने शुक्रवार (16 मई 2025) को पंजाब में बब्बर खालसा इंटरनेशनल (BKI) से जुड़े 15 ठिकानों पर छापा मारा। ये ठिकाने गैंगस्टर हैप्पी पासियाँ से जुड़े थे, जो पाकिस्तान में बैठे आतंकी रिंदा का करीबी है। गुरदासपुर में 2023 में पुलिस स्टेशन पर ग्रेनेड हमले की साजिश रचने वाले हैप्पी से मोबाइल फोन, डिजिटल डिवाइस और कुछ आपत्तिजनक दस्तावेज मिले। जाँच में पता चला कि हैप्पी ने रिंदा के कहने पर पंजाब और हरियाणा में ग्रेनेड हमलों की योजना बनाई थी। उसके साथी विदेशों से हथियार और पैसे भेज रहे थे। NIA इसकी और जाँच कर रही है।
#WATCH कैथल, हरियाणा | गांव मस्तगढ़ चीका निवासी देवेंद्र को कैथल जिला पुलिस ने हाल ही में भारत-पाक संघर्ष के दौरान पाकिस्तानी सेना और ISI को कथित रूप से सूचनाएं देने के आरोप में गिरफ्तार किया है।
DSP कैथल वीरभान ने बताया, "कैथल जिला पुलिस को खुफिया सूचना मिली थी, जिसके आधार पर… pic.twitter.com/ZW8UJAxfwC
— ANI_HindiNews (@AHindinews) May 17, 2025
मई 2022 में हरियाणा पुलिस ने करनाल से चार खालिस्तानी आतंकियों को पकड़ा था। ये लोग ड्रोन से पाकिस्तान से हथियार लाकर तेलंगाना जा रहे थे। इनसे हथियार और विस्फोटक बरामद हुए। कई अभियानों में पंजाब और हरियाणा पुलिस के साथ NIA ने कई खालिस्तानी समर्थकों को गिरफ्तार किया। इनमें नाभा जेल ब्रेक का मुख्य साजिशकर्ता और खालिस्तानी आतंकी कश्मीर सिंह उर्फ बलबीर सिंह भी शामिल है। वह 2016 के जेल ब्रेक मामले में फरार था और उस पर 10 लाख का इनाम था।
खालिस्तानियों से AK-47, पिस्तौल, विस्फोटक उपकरण, ड्रोन, मोबाइल फोन, डिजिटल उपकरण, आपत्तिजनक दस्तावेज और नकदी जैसी चीजें बरामद हुईं।
स्थानीय युवाओं की आतंकी गतिविधियों के लिए भर्ती
सोशल मीडिया और दूसरे तरीकों से स्थानीय युवाओं को कट्टरपंथी विचारधारा में फँसाकर आतंकी गतिविधियों में शामिल किया जा रहा है। पाकिस्तान वैध दस्तावेजों से युवाओं को ट्रेनिंग के लिए भेज रहा है। ये युवा लौटकर हमले करते हैं। खासकर मजहबी सोच वाले युवाओं को निशाना बनाया जा रहा है।
भारत-पाक तनाव कम होने के बावजूद ISI भारत में अशांति फैलाने की कोशिश कर रही है। युद्धविराम के बाद ISI खालिस्तानी समर्थकों को भड़का रही है। सिख फॉर जस्टिस (SFJ) का चीफ गुरपतवंत सिंह पन्नू पंजाब और हरियाणा में आतंकी नेटवर्क को फिर से सक्रिय कर रहा है। वह पुलिस और सरकारी इमारतों पर हमले की साजिश रच रहा है। खुफिया एजेंसियों ने अलर्ट जारी किया है। NIA और राज्य पुलिस इस पर कार्रवाई कर रही हैं। पाकिस्तान से चलने वाले खालिस्तानी सोशल मीडिया अकाउंट पकड़े गए, जिनमें बॉट अकाउंट भी शामिल हैं। केंद्र ने 100 भड़काऊ वीडियो और पन्नू के 50 से ज्यादा फर्जी अकाउंट ब्लॉक कर दिए।
इसके अलावा पन्नू ने वीडियो जारी कर दावा किया था कि पटियाला आर्मी स्कूल की दीवारों पर खालिस्तान और पाकिस्तान जिंदाबाद के नारे उसने ही लिखवाए थे। वीडियो में पन्नू ने कथित तौर पर दीवार पर ये नारे दिखाते हुए स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों को भी भड़काया था। पन्नू ने बच्चों को कहा था कि अपने परिवारों को बचाने की जिम्मेदारी आर्मी स्कूल के बच्चों की है।
एक रिपोर्ट की मानें तो मुख्य संदिग्ध आदिल अहमद थोकर, जिसने आतंकियों की मदद की, 2024 में पाकिस्तान से आतंकी ट्रेनिंग लेकर लौटा था। सुरक्षा बलों के अनुसार, 2014 के बाद से, पाकिस्तान वैध दस्तावेजों का उपयोग कर कश्मीरी युवाओं को भर्ती कर रहा है। लगभग 40 स्थानीय युवा वैध यात्रा दस्तावेजों पर पाकिस्तान जाकर आतंकी प्रशिक्षण ले चुके हैं। आदिल भी इसी बदली रणनीति का हिस्सा है, जो धार्मिक कट्टरता के कारण 2018 में पाकिस्तान जाकर लश्कर-ए-तैयबा में शामिल हो गया था।
पाकिस्तान में में बैठे आतंकी संगठन युवाओं को आतंकवाद की ओर धकेल रहे हैं। जो युवा अकेलापन महसूस करते हैं, भेदभाव का शिकार हैं या भावनात्मक रूप से कमजोर हैं, उन्हें झूठा अपनापन और पहचान का एहसास दिलाया जाता है। उन्हें ऐसे समुदाय का हिस्सा बनाया जाता है, जहाँ उन्हें स्वीकार किया जाता है।
कट्टरपंथी संगठन और मदरसे युवाओं को ‘शहीद’ होने के फायदे बताते हैं, जैसे जन्नत में जगह, परिवार के लिए सम्मान और पैसे। कुछ मामलों में युवाओं को धमकाया जाता है या उनके परिवारों को नुकसान की धमकी दी जाती है, ताकि वे आतंकी समूहों में शामिल हों। कुछ मदरसा या स्कूलों में कट्टरपंथी विचारधारा पढ़ाई जाती है, जिससे युवाओं का ब्रेनवॉश करके उन्हें हिंसा के लिए तैयार किया जाता है।
बता दें कि ऑपरेशन सिंदूर के बाद पाकिस्तानी फौज ने दावा किया था कि भारत ने पाकिस्तान पर हमले के बहाने पंजाब, सिखों और गुरुद्वारों को निशाना बनाया। ऑपइंडिया ने अपनी रिपोर्ट में बताया था कि कैसे खालिस्तानी आतंकवाद का पूरा नेटवर्क ही पाकिस्तान ने खड़ा किया था। ऐसे में ISI का एक बार फिर से युवाओं को आतंकवाद की तरफ ढकेलने की कोशिश उसी नाकाप एजेंडे का हिस्सा है, जो वो पहले से अंजाम देता आया है।
चूँकि भारत जानता है कि खालिस्तानी समर्थकों और ISI की पंजाब-हरियाणा में आतंकी गतिविधियाँ उसकी सुरक्षा के लिए बड़ा खतरा हैं। ऐसे में सुरक्षा एजेंसियाँ इसे रोकने के लिए लगातार काम कर रही हैं। जिसका नतीजा आतंकवादियों के स्लीपर सेल के जाल को तोड़ने और आतंकियों की धर-पकड़ के रूप में सामने आ रहा है।