महाराष्ट्र कि गढ़चिरौली पुलिस और सीआरपीएफ ने 5 नक्सलवादियों को गिरफ्तार किया है। ये नक्सली किसी कांड को अंजाम देने की तैयारी में थे। इन पांचों नक्सलियों पर महाराष्ट्र सरकार ने 36 लाख रुपए का इनाम घोषित कर रखा था। इसे पुलिस और सीआरपीएफ की बड़ी सफलता माना जा रहा है।
क्या है पूरा मामला? — ऑपरेशन बिनगुंडा
स्थान: बिनगुंडा गांव, लाहेरी उप-पोस्ट, भामरागढ़, ज़िला गढ़चिरौली
तिथि: 18-19 मई, 2025
संगठनों की भागीदारी:
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महाराष्ट्र पुलिस की C-60 फोर्स (8 टुकड़ियां)
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CRPF 37वीं बटालियन की ‘A’ कंपनी
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नेतृत्व:
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SP नीलोत्पल
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अतिरिक्त SP (ऑपरेशन) यतीश देशमुख
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मुख्य बिंदु: गिरफ्तारी और जब्ती
विवरण | आंकड़े/जानकारी |
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गिरफ्तार नक्सली | 5 (डीवीसीएम, एसीएम और 3 प्लाटून सदस्य) |
घोषित इनाम | ₹36 लाख (सभी पर कुल) |
जब्त हथियार | 7 (1 SLR, 1 303 राइफल, 3 SSR, 2 हैंडगन) |
स्थिति | मुठभेड़ नहीं हुई क्योंकि गांव में आम नागरिक मौजूद थे |
बचकर भागे | अन्य नक्सली जंगल की आड़ लेकर फरार |
ऑपरेशन की पृष्ठभूमि
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खुफिया सूचना मिली थी कि 50-60 माओवादी पुलिस पर हमले और घात की योजना बना रहे हैं।
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इनपुट मिलने पर सुरक्षाबलों ने 18 मई को जंगल में प्रवेश किया।
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19 मई को बिनगुंडा गांव की घेराबंदी की गई।
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सिविलियन मौजूद होने के कारण फायरिंग नहीं की गई, लेकिन सटीक रणनीति से 5 हार्डकोर नक्सली जिंदा पकड़े गए।
इस ऑपरेशन के मायने
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डीवीसीएम और एसीएम रैंक के कैडर की गिरफ्तारी का मतलब है कि नक्सलियों के कमांड स्तर पर झटका पहुंचा है।
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7 हथियारों की जब्ती से नक्सल नेटवर्क की सैन्य क्षमताओं पर असर पड़ेगा।
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ग्रामीणों की सुरक्षा को ध्यान में रखकर संवेदनशील ऑपरेशन को बिना रक्तपात के अंजाम देना सुरक्षाबलों की ट्रेनिंग और मानवाधिकारों के प्रति गंभीरता को दर्शाता है।
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यह ऑपरेशन गढ़चिरौली जैसे अत्यधिक प्रभावित क्षेत्र में मनोबल बढ़ाने वाला कदम है, खासकर तब जब नक्सली सरकारी परियोजनाओं में बाधा डाल रहे थे।
आगे की रणनीति क्या हो सकती है?
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भागे हुए नक्सलियों की तलाश में ऑपरेशन और तेज़ होगा।
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गिरफ्तार नक्सलियों से मिली जानकारी के आधार पर नए ठिकानों पर छापे पड़ सकते हैं।
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बिनगुंडा और आसपास के गांवों में सामुदायिक विश्वास बहाली और विकास योजनाओं की रफ्तार तेज़ की जाएगी।
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इससे नक्सलियों की स्थानीय समर्थन प्रणाली (जन मिलिशिया) पर भी प्रहार हो सकता है।