23 मई 2025 की सुबह चीन के तिब्बत क्षेत्र में एक और भूकंप ने धरती को झकझोर दिया। यह झटका सुबह 9:27 बजे महसूस किया गया, जिसकी तीव्रता रिक्टर स्केल पर 4.2 मापी गई। इसका केंद्र चीन और नेपाल की सीमा के समीप बताया गया है। भूकंप विज्ञान केंद्र (NCS) के अनुसार, इस क्षेत्र में हाल के समय में कई बार हल्के से मध्यम तीव्रता के भूकंप आ चुके हैं, जो भविष्य की किसी बड़ी tectonic हलचल की चेतावनी भी हो सकती है।
इससे पहले की त्रासदी – भूस्खलन:
कुछ दिन पहले चीन के दक्षिण-पश्चिमी हिस्से में भीषण भूस्खलन हुआ था जिसमें 4 लोगों की मौत हो गई और 17 से अधिक लोग मलबे में दब गए थे। इस प्रकार तिब्बत क्षेत्र इस समय लगातार प्राकृतिक आपदाओं की चपेट में है।
An earthquake with a magnitude of 4.2 on the Richter Scale hit Tibet at 09:27:27 IST today: National Center for Seismology (NCS) pic.twitter.com/YjK5eNswJQ
— ANI (@ANI) May 23, 2025
भूकंप क्यों आते हैं?
धरती की सतह 7 बड़ी और कई छोटी टेक्टोनिक प्लेट्स से बनी है। ये प्लेट्स लगातार गतिशील रहती हैं। जब ये आपस में टकराती या घर्षण करती हैं, तो उर्जा का संकेन्द्रण होता है और यही उर्जा अचानक मुक्त होकर भूकंप के रूप में सामने आती है।
भारत में भूकंप के संवेदनशील जोन:
भारत के 59% भूभाग को भूकंप संभावित क्षेत्र माना गया है, जिसे चार जोनों में बांटा गया है:
जोन | संवेदनशीलता | प्रमुख क्षेत्र |
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जोन-5 | अत्यंत उच्च | उत्तरकाशी, कच्छ, मणिपुर |
जोन-4 | उच्च | दिल्ली, जम्मू, बिहार का कुछ भाग |
जोन-3 | मध्यम | मुंबई, चेन्नई जैसे शहर |
जोन-2 | कम | दक्षिण भारत के कुछ हिस्से |
दिल्ली जोन-4 में आता है और यहां 7 या उससे अधिक तीव्रता का भूकंप आने की संभावना रहती है।
रिक्टर स्केल के अनुसार भूकंप की तीव्रता का प्रभाव:
तीव्रता | प्रभाव |
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4.0–4.9 | हल्की कंपन, वस्तुएं गिर सकती हैं |
5.0–5.9 | फर्नीचर हिल सकता है |
6.0–6.9 | दीवारों में दरारें, संरचनात्मक क्षति |
7.0–7.9 | इमारतें गिर सकती हैं |
8.0–8.9 | सुनामी का खतरा, व्यापक तबाही |
9.0+ | विनाशकारी – महाविनाश की आशंका |
तिब्बत और हिमालयी क्षेत्र में अक्सर भूकंप आते हैं क्योंकि यहां भारतीय प्लेट और यूरेशियन प्लेट की टक्कर जारी है। यही टक्कर हिमालय के उभार का भी कारण है। लेकिन यह क्षेत्र भूकंपीय दृष्टि से सबसे संवेदनशील भी है।