मध्य प्रदेश के रायसेन, सिरोंज एवं विदिशा जिलों में आयोजित 15 दिवसीय संघ शिक्षा वर्गों का समापन समारोह 1 जून को गरिमामय वातावरण में संपन्न हुआ। इस अवसर पर विभिन्न कार्यक्रमों के माध्यम से राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के शिक्षार्थियों ने अपनी साधना, अनुशासन और प्रशिक्षण का प्रभावशाली प्रदर्शन किया। मंच पर सूर्य नमस्कार, योग, व्यायाम, दंड युद्ध, नियुद्ध (हस्त युद्ध कला) और पद-विन्यास जैसी शारीरिक एवं बौद्धिक गतिविधियों की शानदार प्रस्तुति दी गई, जिसने दर्शकों को गहरे प्रभाव में लिया।
रायसेन जिले में समारोह के मुख्य वक्ता एवं प्रांत संघचालक अशोक पांडेय ने अपने संबोधन में संघ के आरंभिक संघर्षों को याद किया। उन्होंने कहा कि संघ को प्रारंभिक दौर में उपेक्षा, उपहास और अपमान का सामना करना पड़ा, लेकिन इसके बावजूद संघ ने अपने मूल्यों और समाज-हित के संकल्प के साथ निरंतर सेवा और राष्ट्र निर्माण के कार्यों में अपनी भूमिका निभाई। आज यही संघ समाज के हर वर्ग तक अपनी विचारधारा और सेवा भावना के साथ पहुंच चुका है।
सिरोंज में समापन समारोह की अध्यक्षता करते हुए पूज्य श्री श्री 1008 ईश्वर दास जी ने स्वयंसेवकों की साधना, तप और सेवा भावना की सराहना की। उन्होंने कहा कि स्वयंसेवक त्याग और आत्मनियंत्रण के मार्ग पर चलते हुए समाज के प्रति समर्पित रहते हैं, और यह शिक्षा उन्हें संघ की शाखाओं तथा इन विशेष शिक्षा वर्गों के माध्यम से प्राप्त होती है। यही प्रशिक्षण उन्हें एक जिम्मेदार नागरिक और संस्कारवान राष्ट्र सेवक बनाता है।
मुख्य वक्ता डॉ. राजेश सेठी ने अपने प्रेरणादायक उद्बोधन में कहा कि संघ का वातावरण ऐसा होता है, जहां प्रवेश करते ही व्यक्ति का अहंकार समाप्त हो जाता है और उसमें संस्कार, सेवा, अनुशासन और आत्मबल का संचार होता है। संघ की प्रक्रिया व्यक्ति को स्व के बजाय समष्टि के लिए जीना सिखाती है, जो समाज के पुनर्निर्माण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
इन संघ शिक्षा वर्गों में कुल 801 शिक्षार्थियों ने प्रशिक्षण प्राप्त किया, जो संघ दृष्टि के 31 जिलों से आए थे। इन वर्गों का उद्देश्य केवल शारीरिक प्रशिक्षण नहीं बल्कि मानसिक, चारित्रिक एवं सामाजिक निर्माण करना होता है, जिससे प्रत्येक स्वयंसेवक अपने क्षेत्र में समाज जागरण एवं राष्ट्र सेवा का संवाहक बन सके। समापन समारोह ने यह स्पष्ट कर दिया कि आज भी संघ शिक्षा वर्गों की प्रासंगिकता, प्रभावशीलता और प्रेरणादायक ऊर्जा में कोई कमी नहीं आई है।