भारत के कदम से परेशान हुए पाकिस्तानी किसान, पंजाब में पानी का संकट
भारत द्वारा सिंधु जल समझौते को स्थगित किए जाने के बाद पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में पानी का गंभीर संकट पैदा हो गया है। पाकिस्तान की इंडस रिवर सिस्टम अथॉरिटी (IRSA) के अनुसार, 5 जून 2025 को इंडस नदी से पंजाब को केवल 1,24,500 क्यूसेक पानी ही मुहैया कराया गया, जबकि पिछले साल इसी दिन 1,43,600 क्यूसेक पानी छोड़ा गया था। इस तरह इस वर्ष 19,100 क्यूसेक यानी लगभग 13.3% कम पानी उपलब्ध हुआ, जिससे खरीफ फसलों की बुवाई पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है।
इंडस वॉटर ट्रीटी के पूर्व आयुक्त और केंद्रीय जल आयोग के पूर्व प्रमुख ए.के. बजाज के अनुसार, पाकिस्तान में सिंधु जल प्रणाली से जुड़ी नदियों और जलाशयों में जल स्तर पहले ही कम है। इसके चलते किसानों के लिए सिंचाई में कठिनाई उत्पन्न हो रही है। मौजूदा समय में पाकिस्तान के पंजाब में खरीफ फसलों की बुवाई हो रही है, और मानसून अभी तीन सप्ताह दूर है, जिससे आने वाले दिनों में यह संकट और गहराने की आशंका है।
भारत ने 22 अप्रैल 2025 को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद सिंधु जल संधि को अस्थायी रूप से स्थगित कर दिया था। इस 1960 में हुए समझौते के तहत भारत को पूर्वी नदियों (रावी, व्यास और सतलज) का पानी उपयोग करने का अधिकार है, जबकि पाकिस्तान को पश्चिमी नदियों (सिंधु, झेलम और चिनाब) का अधिकार प्राप्त था। भारत द्वारा संधि को स्थगित करने के बाद न केवल पाकिस्तान को पानी की मात्रा में कमी झेलनी पड़ रही है, बल्कि भारत ने नदियों के जल स्तर की जानकारी साझा करना भी बंद कर दिया है।
ऐसे में मॉनसून के दौरान जलस्तर के अचानक बढ़ने से पाकिस्तान को बाढ़ जैसी आपदा का सामना भी करना पड़ सकता है। भारत के इस कदम से पाकिस्तान के किसान और प्रशासन दोनों ही गहरी चिंता में हैं।