अंडमान सागर में कच्चे तेल की खोज – भारत को मिलेगी बड़ी ऊर्जा ताकत?
भारत सरकार और पेट्रोलियम मंत्रालय देश को ऊर्जा आत्मनिर्भर बनाने के लिए तेजी से कदम उठा रहे हैं। अंडमान सागर में भी अब कच्चे तेल के संभावित भंडार की खोज की जा रही है।
क्या हो रहा है?
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भारत सरकार ने अंडमान सागर के गहरे समुद्री क्षेत्रों में ऑयल एक्सप्लोरेशन (तेल खोज) का काम शुरू किया है।
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यह काम मुख्य रूप से ONGC (Oil and Natural Gas Corporation) और अन्य रणनीतिक कंपनियों द्वारा किया जा रहा है।
अगर तेल मिला तो क्या फायदा?
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भारत की कच्चे तेल के आयात पर निर्भरता घटेगी (अभी भारत अपनी ज़रूरत का 85% से अधिक तेल आयात करता है)।
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विदेशी मुद्रा की बचत होगी और ऊर्जा सुरक्षा मजबूत होगी।
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यह क्षेत्र भविष्य में भारत का नया ऊर्जा हब बन सकता है।
क्यों खास है अंडमान सागर?
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यह क्षेत्र कमर्शियल रूप से अभी तक कम एक्सप्लोर किया गया है।
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समुद्र की गहराई में स्थित होने के कारण यहाँ Deep-sea drilling की जरूरत होती है — तकनीकी रूप से चुनौतीपूर्ण लेकिन लाभकारी।
भारत की बड़ी रणनीति:
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भारत सरकार ने Hydrocarbon Exploration and Licensing Policy (HELP) के तहत निजी और सार्वजनिक कंपनियों को नए क्षेत्र खोजने की अनुमति दी है।
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“वन नेशन, वन ग्रिड, वन टैक्स” के साथ-साथ अब “वन एनर्जी आत्मनिर्भर भारत” की दिशा में यह एक ठोस प्रयास है।
अंडमान सागर में तेल की खोज: भारत के लिए गेम चेंजर साबित हो सकती है ये उपलब्धि!
भारत अपनी ऊर्जा ज़रूरतों का 85% से 88% कच्चा तेल आयात करता है। कच्चे तेल के मामले में भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा आयातक देश है — पहले स्थान पर अमेरिका और दूसरे पर चीन हैं। इस परिदृश्य में यदि देश में ही बड़ा तेल भंडार मिल जाए, तो यह ऊर्जा आत्मनिर्भरता की दिशा में एक ऐतिहासिक बदलाव होगा।
अंडमान सागर में परिवर्तनकारी खोज की संभावना
केंद्रीय पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने एक साक्षात्कार में बताया कि भारत अंडमान सागर में एक “परिवर्तनकारी” तेल भंडार की खोज के बेहद करीब है। उन्होंने इस संभावित खोज की तुलना गुयाना में Hess Corporation और CNOOC द्वारा की गई खोज से की, जिसने वैश्विक ऊर्जा क्षेत्र में हलचल मचा दी थी।
गुयाना के पास करीब 11.6 बिलियन बैरल तेल और गैस का भंडार है और वह दुनिया का 17वां सबसे बड़ा तेल भंडार बन चुका है।
ONGC और ऑयल इंडिया कर रही हैं खोज
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अंडमान और निकोबार द्वीप समूह के समुद्री क्षेत्र में Oil and Natural Gas Corporation (ONGC) और Oil India Limited जैसी कंपनियाँ ड्रिलिंग और भौगोलिक सर्वेक्षण कर रही हैं।
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अगर यहाँ गुयाना जैसी खोज हो जाती है, तो भारत की तेल निर्भरता में क्रांतिकारी गिरावट आ सकती है।
भारत में प्रमुख तेल भंडार
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असम, गुजरात, राजस्थान, मुंबई हाई, कृष्णा-गोदावरी बेसिन — वर्तमान उत्पादन क्षेत्र।
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विशाखापट्टनम, मंगलुरु, पदूर — रणनीतिक तेल भंडार भंडारण केंद्र।
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ओडिशा और राजस्थान — संभावित नए भंडार।
क्या होगा अगर खोज सफल हुई?
तेल आयात पर निर्भरता घटेगी
विदेशी मुद्रा की बचत
ऊर्जा सुरक्षा और रणनीतिक स्वतंत्रता
आत्मनिर्भर भारत अभियान को गति
रोजगार और निवेश के नए अवसर