ईरान-इजरायल युद्ध से पाकिस्तान बेहाल, बलूचिस्तान में 70% पेट्रोल पंप बंद
ईरान और इजरायल के बीच जारी तनाव और युद्ध का गहरा असर अब पड़ोसी पाकिस्तान पर भी दिखने लगा है। इजरायल के हमले के बाद शुरू हुई इस जंग के चलते पाकिस्तान में ईंधन संकट गहराता जा रहा है। विशेष रूप से बलूचिस्तान में हालात बेहद गंभीर हो गए हैं, जहां 60 से 70 प्रतिशत पेट्रोल पंप बंद हो चुके हैं। इसकी मुख्य वजह ईरान से तेल की आपूर्ति में आई रुकावट है, क्योंकि बलूचिस्तान के सीमावर्ती जिलों में ईंधन और खाद्य आपूर्ति दोनों ही ईरान पर निर्भर हैं।
तेल की बढ़ती कीमतें
डॉन की रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तान की संघीय सरकार ने पेट्रोल और डीजल के दामों में तेज़ी से बढ़ोतरी की है। पेट्रोल की कीमत 4.80 रुपये बढ़ाकर 258.43 रुपये प्रति लीटर कर दी गई है, जबकि हाई-स्पीड डीजल (HSD) की कीमत 7.95 रुपये बढ़कर अब 262.59 रुपये प्रति लीटर हो गई है। इससे पहले पेट्रोल 253.63 रुपये और डीजल 254.64 रुपये प्रति लीटर था।
बलूचिस्तान सबसे ज्यादा प्रभावित
बलूचिस्तान के तुरबत, ग्वादर, पंजगुर, चगाई, वाशुक और मश्काइल जैसे सीमावर्ती जिले सबसे अधिक प्रभावित हैं। ये इलाके ईरान से तस्करी के ज़रिये आने वाले सस्ते पेट्रोल और डीजल पर निर्भर थे, लेकिन मकरान, रक्शान और चगाई मार्गों से आपूर्ति पूरी तरह रुक गई है। जिला प्रशासन ने पिछले सप्ताह इन पेट्रोल पंपों को बंद करवा दिया, जिससे हालात और बिगड़ गए।
सिर्फ ईंधन नहीं, भोजन का संकट भी
ईंधन संकट के साथ-साथ इन जिलों में भोजन की भी भारी कमी देखी जा रही है, क्योंकि खाद्य आपूर्ति का बड़ा हिस्सा भी ईरान से ही आता था। सड़क मार्गों पर नाकाबंदी और कराची से क्वेटा की ओर जाने वाले मार्गों में बाधा आने से पेट्रोल की नियमित आपूर्ति भी प्रभावित हुई है।
पाकिस्तान इस समय दोहरी मार झेल रहा है—एक तरफ ईरान-इजरायल युद्ध के अप्रत्यक्ष प्रभाव से आर्थिक संकट, और दूसरी तरफ आंतरिक स्तर पर आवश्यक वस्तुओं की भारी किल्लत, खासकर बलूचिस्तान में।