आंध्र प्रदेश के अल्लूरी सीतारामराजू जिले के घने जंगलों में स्थित रामपचोदवरम थाना क्षेत्र में बुधवार सुबह सुरक्षाबलों और नक्सलियों के बीच भीषण मुठभेड़ हुई, जिसमें तीन कुख्यात नक्सलियों को मार गिराया गया। मारे गए नक्सलियों में गजरला रवि उर्फ उदय, जो सेंट्रल कमेटी का सदस्य था, रवी चैतन्य उर्फ अरुणा, जो साउथ जोन कमेटी मेंबर थी, और अंजू, जो एरिया कमेटी मेंबर (ACM) थी, शामिल हैं। इन तीनों नक्सलियों के पास से तीन एके-47 राइफलें बरामद की गई हैं, जो उनके सक्रिय और खतरनाक होने की पुष्टि करती हैं।
इस ऑपरेशन की पुष्टि करते हुए जिले के पुलिस अधीक्षक (एसपी) अमित बरदार ने बताया कि यह कार्रवाई खुफिया सूचना के आधार पर की गई थी। मुठभेड़ अब भी जारी है और दोनों ओर से रुक-रुककर फायरिंग हो रही है, जिससे मृतकों की संख्या और बढ़ने की आशंका है। रामपचोडावरम के डीएसपी जीएस प्रशांत ने बताया कि फिलहाल नक्सलियों के शव बरामद नहीं हुए हैं और इलाके में तलाशी अभियान तेज़ कर दिया गया है, ताकि किसी और नक्सली की मौजूदगी का पता लगाया जा सके।
एनकाउंटर में मारी गई अरुणा पर 20 लाख रुपये का इनाम घोषित था और वह माओवादी संगठन के बड़े नेता चलपति की पत्नी थी। दिलचस्प बात यह है कि चलपति की पहचान भी इसी साल एक सेल्फी के जरिए हुई थी, जिसमें वह अपनी पत्नी अरुणा के साथ नजर आया था। इसके बाद सुरक्षा बलों ने उसे मुठभेड़ में मार गिराया था। अरुणा की मौत को नक्सली नेटवर्क के लिए एक और बड़ा झटका माना जा रहा है।
गजरला रवि, जो नक्सलियों के बीच कई नामों से जाना जाता था—गणेश, आनंद, उदय, रविंदर—संगठन के शीर्ष नेतृत्व में शामिल था और उस पर सरकार द्वारा 40 लाख रुपये का इनाम घोषित किया गया था। वह वारंगल जिले के वेलिशाला गांव का निवासी था और कई वर्षों से नक्सल गतिविधियों में संलिप्त था।
इस मुठभेड़ को सुरक्षा बलों की एक बड़ी सफलता माना जा रहा है, क्योंकि इसमें एक साथ तीन वरिष्ठ नक्सली मारे गए हैं। वहीं, पुलिस और खुफिया एजेंसियां लगातार इस बात पर नजर बनाए हुए हैं कि कहीं अन्य नक्सली सदस्य भागकर आसपास के क्षेत्रों में न छिपे हों। सुरक्षाबलों ने क्षेत्र में गश्त और ड्रोन निगरानी बढ़ा दी है ताकि किसी भी प्रकार की जवाबी कार्रवाई या पलायन को रोका जा सके।
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