भारतीय जूनियर तीरंदाजों ने एशिया कप के दूसरे चरण में शानदार प्रदर्शन करते हुए अपनी श्रेष्ठता का परचम लहराया है। भारतीय टीम ने तीन अलग-अलग स्पर्धाओं के फाइनल में प्रवेश कर यह साबित कर दिया कि युवा खिलाड़ियों की प्रतिभा और तैयारी विश्व स्तरीय है। इस प्रतियोगिता में भारत ने जहां रिकर्व और कम्पाउंड दोनों वर्गों में पदक पक्के किए, वहीं एक वर्ग में थोड़ी निराशा भी देखने को मिली।
सबसे पहले बात करें रिकर्व पुरुष टीम की, तो दूसरी वरीयता प्राप्त भारतीय तिकड़ी — विष्णु चौधरी, पारस हुड्डा और जुयेल सरकार — ने सेमीफाइनल मुकाबले में बांग्लादेश को एकतरफा अंदाज़ में 5-1 से पराजित कर फाइनल में जगह बना ली। टीम ने शुरू से ही बेहतरीन तालमेल और सटीक निशानेबाजी का प्रदर्शन किया। पहला सेट 55-48 से जीतकर बढ़त बनाई, दूसरा सेट 55-55 पर ड्रॉ रहा, लेकिन तीसरे सेट में केवल एक अंक गंवाते हुए 59-56 से मुकाबला और मैच दोनों भारत ने अपने नाम कर लिया। अब भारत का सामना फाइनल में तीसरी वरीयता प्राप्त जापान से होगा, जो बेहद रोमांचक मुकाबला साबित हो सकता है।
वहीं कम्पाउंड पुरुष टीम ने भी सेमीफाइनल में रोमांचक मुकाबले के बाद फाइनल में प्रवेश कर लिया। कुशल दलाल, गणेश थिरुमुरु और मिहिर अपार की शीर्ष वरीय भारतीय टीम का सामना सेमीफाइनल में पांचवीं वरीय ऑस्ट्रेलिया से हुआ। चार सेटों के बाद दोनों टीमें 232-232 अंकों पर बराबर थीं, जिसके बाद मुकाबले का फैसला शूट-ऑफ में हुआ। यहां भारत ने 30-29 से जीत दर्ज कर एक और पक्का पदक अपने नाम किया। अब फाइनल में भारत का मुकाबला कजाकिस्तान से होगा।
कम्पाउंड महिला टीम ने भी निराश नहीं किया। शानमुखी बुड्डे, तेजल साल्वे और तनिष्का थोकल की शीर्ष वरीयता प्राप्त टीम ने सेमीफाइनल में चौथी वरीयता प्राप्त कजाकिस्तान को 230-229 से बेहद करीबी मुकाबले में हराकर फाइनल में प्रवेश किया। इस जीत के साथ टीम ने कम से कम रजत पदक सुनिश्चित कर लिया है। अब फाइनल में भारतीय महिला टीम का सामना मलेशिया से होगा।
हालांकि, रिकर्व महिला टीम के लिए टूर्नामेंट में निराशाजनक मोड़ आया। वैष्णवी पवार, कीर्ति, और तमन्ना की पांचवीं वरीयता प्राप्त टीम को क्वार्टर फाइनल में जापान के हाथों शूट-ऑफ (26-28) में हार का सामना करना पड़ा। भारत ने पहला सेट 47-49 से गंवाया, जबकि दूसरे सेट में सिर्फ 34 अंक ही बना पाई, जबकि जापान ने 55 अंक हासिल कर बड़ी बढ़त बनाई। हालांकि बाद के सेटों में भारत ने मुकाबले में वापसी की कोशिश की, लेकिन अंततः शूट-ऑफ में हार के कारण फाइनल की रेस से बाहर हो गई।
कुल मिलाकर, एशिया कप के दूसरे चरण में भारतीय जूनियर तीरंदाजों ने दमदार प्रदर्शन करते हुए तीन फाइनल में जगह बनाई और देश के लिए कम से कम तीन पदक पक्के कर दिए हैं। यह प्रदर्शन दर्शाता है कि भारत का तीरंदाजी में भविष्य उज्ज्वल है और आने वाले वर्षों में ये युवा खिलाड़ी अंतरराष्ट्रीय मंच पर और भी बड़े कीर्तिमान स्थापित कर सकते हैं।
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