G7 समिट में नेताओं को दिए भारत की कला से जुड़े खास तोहफे
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कनाडा में आयोजित G7 शिखर सम्मेलन के दौरान विश्व नेताओं को भारतीय संस्कृति और हस्तशिल्प से जुड़े अनूठे उपहार भेंट किए, जो न केवल भारत की समृद्ध परंपरा और कारीगरी को दर्शाते हैं, बल्कि सांस्कृतिक कूटनीति का भी प्रतीक हैं।
कनाडा के नेताओं को मिले पारंपरिक तोहफे:
PM मोदी ने कनाडा के प्रधानमंत्री मार्क कार्नी को बिहार की पीतल की बोधि वृक्ष मूर्ति भेंट की, जो बोधगया में बुद्ध की ज्ञान प्राप्ति का प्रतीक है। वहीं, कनाडा की गवर्नर जनरल मैरी साइमन को ओडिशा के कटक की 500 साल पुरानी तारकसी कला से बना रजत फिलिग्री क्लच पर्स उपहार में दिया गया।
अल्बर्टा की प्रीमियर डेनिएल स्मिथ को राजस्थान की इबोनी लकड़ी का जालीदार बॉक्स और लेफ्टिनेंट गवर्नर सलमा लखानी को जम्मू-कश्मीर का पेपर माच बॉक्स भेंट किया गया।
फ्रांस और जर्मनी को भारतीय परंपरा के प्रतीक:
फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों को तमिलनाडु की डोकरा नंदी मूर्ति भेंट की गई, जो लॉस्ट-वैक्स तकनीक से बनी है।
जर्मनी के चांसलर फ्रेडरिक मर्ज को कोणार्क सूर्य मंदिर के पहिए की बलुआ पत्थर की प्रतिकृति दी गई, जो 13वीं सदी की स्थापत्य कला का प्रतीक है।
अन्य देशों को भी सांस्कृतिक उपहार:
- ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री एंथनी अल्बनीज को महाराष्ट्र का रजत पात्र मिला जिसमें फूलों और पैंसली की नक्काशी है।
- ब्राजील के राष्ट्रपति लुइज इनासियो लूला दा सिल्वा को मेघालय की बांस और केन से बनी नौका में हंस की मूर्ति दी गई।
- दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति सिरिल रामाफोसा को छत्तीसगढ़ का डोकरा पीतल घोड़ा भेंट किया गया।
चित्रकला से भरे खास तोहफे:
- दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति ली जे-म्युंग को बिहार की मधुबनी पेंटिंग, जिसमें पौराणिक कथाएं और प्राकृतिक रंगों का प्रयोग किया गया है।
- मेक्सिको की राष्ट्रपति क्लाउडिया शीनबाम पार्डो को महाराष्ट्र की वारली पेंटिंग, जो आदिवासी जीवन और प्रकृति को सरल रेखाओं में दर्शाती है।
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