मणिपुर में एक महीना पहले शुरू हुई जातीय हिंसा थमने का नाम नहीं ले रही है. शुक्रवार को सेना की वर्दी में आए उग्रवादियों ने इंफाल पश्चिम जिले में तलाशी के बहाने कुछ लोगों को घर से बाहर बुलाया. इसके बाद उन पर गोली बरसा दी गई. इस घटना में 3 लोगों की मौत हो गई, जबकि 2 अन्य घायल हो गए. घटना की सूचना मिलने पर जब सुरक्षाबल मौके पर पहुंचे, तब तक उग्रवादी वहां से फरार हो गए.
अधिकारियों के मुताबिक यह घटना इंफाल पश्चिम जिले की सीमा पर बसे गांव खोकेन में घटी. रात में सेना की वर्दी में आए उग्रवादियों ने तलाशी के नाम पर कुछ लोगों को घर से बाहर निकाला. जब वे बाहर निकले तो पहले उनसे उनकी पहचान पूछी गई. इसके बाद उन पर अंधाधुंध गोलियां बरसा दी गईं. गोलियां चलने की आवाज सुनकर पास में पेट्रोलिंग कर रहे सेना, असम राइफल्स और मणिपुर पुलिस के जवान तुरंत घटनास्थल की ओर रवाना हुए लेकिन उनके वहां पर पहुंचने से पहले उग्रवादी हथियारों समेत वहां से भाग चुके थे.
असम राइफल्स के जवानों ने घटनास्थल से 3 शव बरामद किए, जबकि 2 लोग घायल मिले. उग्रवादियों को पकड़ने के लिए सुरक्षाबलों ने इलाके में तलाशी अभियान चलाया लेकिन उनका कुछ पता नहीं चला. सूत्रों के मुताबिक उग्रवादी मेइती समुदाय के माने जा रहे हैं. इस ताजा हिंसा के साथ ही राज्य में मरने वालों की संख्या 100 से ऊपर हो गई है. वहीं 300 से ज्यादा लोग अब तक घायल हो चुके हैं. राज्य में हिंसा रोकने और शांति व्यवस्था की बहाली के लिए सुरक्षाबलों के करीब 10 हजार जवान तैनात किए गए हैं. इसके बावजूद हिंसा अब भी जारी है.