मौसम विभाग ने बताया कि मानसून की रफ्तार बीते कुछ दिनों से काफी धीमी है। यहां तक कि दक्षिण-पश्चिम मानसून 11 जून से ज्यादा आगे नहीं बढ़ा है। हालांकि, अब विभाग का कहना है कि 18 जून से मॉनसून के रफ्तार पकड़ने की संभावना है।
भारत मौसम विज्ञान विभाग ने 8 जून को मानसून की शुरुआत की घोषणा की थी। विशेषज्ञों ने उस समय भी चेतावनी दी थी कि मानसून की शुरुआत कमजोर होगी और रफ्तार भी धीमी रहेगी।
कुछ विशेषज्ञों का यह भी मानना था कि कुछ जगह बारिश मानसून के कारण नहीं बल्कि चक्रवात बिपरजॉय के संपर्क के कारण हो रही थी। आईएमडी ने कहा कि बिपरजॉय ने शुरुआत में मानसून की मदद की थी।
आईएमडी के महानिदेशक एम महापात्रा ने बताया कि चक्रवात के कारण दक्षिणी क्षेत्र से उत्तरी क्षेत्र की ओर हवा का प्रवाह तेज हो गया था। उन्होंने कहा कि चक्रवात बहुत धीरे-धीरे आगे बढ़ा और मानसून को आगे बढ़ने में मदद की। अब चक्रवात, मानसून के चक्र से अलग हो गया है।
मौसम विभाग के अनुसार, 18 जून तक चक्रवात का मानसून पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है और इसके बाद मानसून की रफ्तार तेज हो सकती है। मानसून के 18 जून से आगे बढ़ने और फिर 21 जून तक पूर्वी भारत के अधिक हिस्सों को कवर करने की संभावना है। मध्य और उत्तर पश्चिमी भारत में भी इसके बाद असर दिख सकता है, हालांकि तब तक बारिश नहीं होगी।