अरब सागर का चक्रवात बिपरजॉय गुरुवार देर रात गुजरात के सौराष्ट्र एवं कच्छ के तटीय क्षेत्र से टकराएगा। यह चक्रवात अभी थोड़ा कमजोर जरूर पड़ गया है, लेकिन इसके खतरे कम नहीं हुए हैं। तटीय इलाकों के लिए रेड अलर्ट जारी कर दिया गया है। चक्रवात का असर सिर्फ गुजरात और महाराष्ट्र तक ही सीमित नहीं रह पाएगा।
समुद्र तटों से टकराने के बाद भी अगले चार-पांच दिनों तक इस चक्रवात की हवा 30-40 किमी प्रतिघंटे की गति से पूर्व की ओर बढ़ेगी। इससे दिल्ली समेत पंजाब, हरियाणा और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कुछ हिस्सों में वर्षा हो सकती है। स्काइमेट के प्रवक्ता महेश पलावत ने बताया कि 18 जून से दिल्ली और आसपास के क्षेत्रों में चक्रवाती हवा का असर दिखने लग जाएगा।
रेलवे ने तटीय इलाकों में चलने वाली सारी ट्रेनें दो दिन पहले से ही निरस्त कर दी हैं। खेतों में खड़ी फसलों, पेड़ों और बागों को क्षति पहुंच सकती है। भारतीय मौसम विभाग (आइएमडी) के मुताबिक, बिपरजॉय गुरुवार रात जखाऊ पोर्ट के पास तट से टकराएगा। अभी समुद्र में इसकी गति 160-170 किमी प्रतिघंटा है। यह उत्तर की ओर बढ़ रहा था, लेकिन दोपहर बाद यह पूर्व की ओर मुड़ गया है।
हवा की गति थोड़ी धीमी होने लगी है, लेकिन 15 जून को तट से टकराने के दौरान गति 125 से 135 किमी प्रतिघंटे रह सकती है। तटीय क्षेत्रों में अत्यधिक वर्षा की चेतावनी जारी कर दी गई है। आइएमडी के महानिदेशक मृत्युंजय महापात्रा के मुताबिक उस वक्त समुद्र में दो से तीन मीटर तक ऊंची लहरें उठ सकती हैं। सौराष्ट्र और कच्छ में अगले दो दिनों तक बारिश जारी रहेगी।
गुजरात से सटे राजस्थान के पश्चिमी इलाके में भी भारी वर्षा की आशंका व्यक्त की गई है। चक्रवात के तट से टकराने से पहले ही गुजरात के तटीय इलाकों में तेज हवा के साथ भारी वर्षा हो रही है। अधिकारियों के मुताबिक गुजरात के तटीय इलाकों से अब तक लगभग 50 हजार लोगों अस्थायी आश्रय शिविरों में स्थानांतरित किया गया है।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने तीनों सेना प्रमुखों से बात की और चक्रवात ‘बिपरजॉय’ के प्रभाव से निपटने के लिए सशस्त्र बलों की तैयारियों की समीक्षा की। बाद में राजनाथ ने कहा कि सशस्त्र बल चक्रवात के कारण उत्पन्न होने वाली किसी भी स्थिति से निपटने में हरसंभव सहायता प्रदान करने के लिए तैयार हैं। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने भुज एयरफोर्स स्टेशन पर पहुंचकर तैयारियों की समीक्षा की। उन्होंने स्वास्थ्य सेवाओं की तैयारियों को भी परखा। इससे पहले, मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने तैयारियों की समीक्षा के लिए मंगलवार रात राज्य सरकार के आपातकालीन संचालन केंद्र का दौरा किया।
बिपरजॉय’ की दस्तक से पहले एनडीआरएफ ने गुजरात और महाराष्ट्र में राहत एवं बचाव अभियान चलाने के लिए कुल 33 टीमों को जिम्मा सौंपा है। 18 टीमों को गुजरात में रखा गया है, एक को दीव में तैनात किया गया है। महाराष्ट्र में 14 टीमों में से पांच को मुंबई में तैनात किया गया है, बाकी को तैयार स्थिति में रखा गया है। एनडीआरएफ के लिए मुख्य ध्यान वाला क्षेत्र गुजरात का सौराष्ट्र और कच्छ है।