आंध्र प्रदेश में तेलुगू देशम पार्टी (टीडीपी) के फिर से सत्ता में लौटने और एन चंद्रबाबू नायडू के मुख्यमंत्री बनने के बाद राज्य की चर्चित अन्ना कैंटीन को फिर से शुरू किया जा रहा है. अन्ना कैंटीन के जरिए महज 5 रुपये में खाना मुहैया कराया जाता था. लेकिन वाईएसआरसी पार्टी की सरकार के आने के बाद इसे बंद कर दिया गया. अब नायडू सरकार ने ऐलान किया है कि अगले 3 हफ्ते के भीतर अन्ना कैंटीन को फिर से शुरू कर दिया जाएगा.
नगर प्रशासन और शहरी विकास मंत्री (MAUD) पोंगुरु नारायण ने कल रविवार को राज्य सचिवालय में वरिष्ठ अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक करने के बाद मीडियाकर्मियों से बात करते हुए कहा, “वाईएसआरसी सरकार से पहले महज 5 रुपये में खाना देने वाली अन्ना कैंटीन को 3 हफ्ते के अंदर पुनर्जीवित किया जाएगा. नाश्ते के लिए एक प्लेट, दोपहर के भोजन यानी लंच के लिए एक प्लेट या रात के खाने (डिनर) के लिए एक प्लेट की कीमत एक समान ही रखी जाएगी.
CM नायडू की 5 सबसे अहम फाइलों में
मंत्री नारायण ने बताया कि अन्ना कैंटीन को फिर से शुरू किए जाने की प्रक्रिया उन 5 अहम फाइलों में से एक है, जिन पर मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू ने सीएम का पदभार संभालने के तुरंत बाद हस्ताक्षर किया था. पिछली टीडीपी सरकार ने 2014 से 2019 के बीच राज्य में कुल 203 अन्ना कैंटीन स्थापित करने के लिए कदम उठाए जिसमें 184 स्थापित किए, जबकि शेष 19 कैंटीन का काम चल रहा है.
चंद्रबाबू सरकार की ओर से 2014-19 के बीच गरीब लोगों की मदद के लिए अन्ना कैंटीन की स्थापना की गई थी. अपने-अपने काम के सिलसिले में शहर आने वाले गरीब लोगों की खाने की टेंशन दूर करने और भूख मिटाने के लिए अन्ना कैंटीन को इस तरह से डिजाइन किया गया था कि वे महज 5 रुपये में भोजन कर सकें.
लेकिन 2019 में सत्ता परिवर्तन होने और राज्य में वाईएस जगन मोहन की सरकार आने पर इस कैंटीन को बंद कर दिया गया. लेकिन चंद्रबाबू 4.0 में गरीबों और मध्यम वर्ग के लोगों के लिए यह कैंटीन फिर से शुरू की जा रही है. इस संबंध में सभी जरूरी व्यवस्थाएं की जा रही हैं.
महज 15 रुपये में नाश्ता, लंच और डिनर
एमएयूडी मंत्री नारायण ने कहा, “हमारी सरकार ने राज्य के सभी प्रमुख केंद्रों पर बेहद शानदार माहौल में गरीब लोगों को 5 रुपये (15 रुपये में नाश्ता, लंच और डिनर) में गुणवत्तापूर्ण भोजन उपलब्ध कराया था, लेकिन पिछली वाईएसआरसीपी सरकार ने अन्ना कैंटीन योजना को कमजोर कर दिया.” हालांकि, अब अगले 3 हफ्ते के अंदर सभी अन्ना कैंटीन को बहाल करने के लिए जरूरी कदम उठाए जाएंगे.
इस संबंध में संबंधित अधिकारियों को 2 से 3 दिनों में कैंटीन की मरम्मत का काम शुरू करने के लिए अपने प्रपोजल पेश करने को कहा गया है. नगर प्रशासन मंत्री ने यह भी बताया कि पहले अन्ना कैंटीन के रखरखाव का काम इस्कॉन (ISKCON) को सौंपा गया था.
अन्ना कैंटीन में 2.25 लाख लोग भरते थे पेट
सुबह का नाश्ता, लंच और डिनर की कुल लागत 73 रुपये थी, लेकिन गरीब लोगों के लिए 15 रुपये की कीमत रखी गई और राज्य सरकार ने योजना को लागू करने के लिए सब्सिडी के रूप में शेष 58 रुपये अपनी ओर से दिए. औसतन 2.25 लाख लोग रोजाना अन्ना कैंटीन में भोजन किया करते थे और कैंटीन के जरिए कुल 4.60 करोड़ प्लेट भोजन परोसा जाता था.
शुरुआत में, अन्ना कैंटीन नगरपालिका क्षेत्रों में स्थापित की गई थी. उन्होंने बताया कि हालांकि आगे चलकर विधायकों के अनुरोध पर तत्कालीन मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने ग्रामीण क्षेत्रों के लिए भी 150 अन्ना कैंटीन स्वीकृत किए थे.