प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज आंध्र प्रदेश के पुट्टपर्थी में साईं हीरा ग्लोबल कन्वेंशन सेंटर का वर्चुअली उद्घाटन किया।वर्चुअली समारोह में पीएम मोदी ने कहा कि हीरा ग्लोबल कन्वेंशन सेंटर के रूप में देश को एक प्रमुख विचार केंद्र मिल रहा है।इस सेंटर में आध्यात्मिकता की अनुभूति भी है और आधुनिकता की आभा भी है। इसमें सांस्कृतिक दिव्यता भी है और वैचारिक भव्यता भी है।
#WATCH | Prime Minister Narendra Modi during the inauguration of the Sai Hira Global Convention Centre in Puttaparthi, Andhra Pradesh, via video conferencing, says "I have seen pictures of this convention centre. This will be the centre of spiritual conferences and academic… pic.twitter.com/QNhX4wCntu
— ANI (@ANI) July 4, 2023
देश को एक प्रमुख विचार केंद्र मिल रहा
वर्चुअली समारोह में पीएम मोदी ने कहा कि हीरा ग्लोबल कन्वेंशन सेंटर के रूप में देश को एक प्रमुख विचार केंद्र मिल रहा है। इस सेंटर में आध्यात्मिकता की अनुभूति भी है और आधुनिकता की आभा भी है। इसमें सांस्कृतिक दिव्यता भी है और वैचारिक भव्यता भी है।
भारत दुनिया की 5वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था
कार्यक्रम में बोलते हुए पीएम मोदी ने आगे कहा कि कोई भी विचार तभी प्रभावी होता है, जब उस पर अमल किया जाए। उन्होंने कहा कि आज भारत कर्तव्य पथ पर आगे बढ़ रहा है और विकास और विरासत को आगे बढ़ा रहा है। आज भारत दुनिया की 5वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है। समाज के हर वर्ग की भागीदारी से आज बदलाव आ रहा है।
#WATCH | Prime Minister Narendra Modi during the inauguration of the Sai Hira Global Convention Centre in Puttaparthi, Andhra Pradesh, via video conferencing, says "India is giving top priority to its Kartavya. The next 25 years of Independence are going to be our Kartavya Kaal" pic.twitter.com/OHcxgYctC1
— ANI (@ANI) July 4, 2023
मुझे हमेशा सत्य साईं का आशीर्वाद मिला
श्री सत्य साईं के बारे में बात करते हुए पीएम मोदी ने कहा, ‘मुझे हमेशा सत्य साईं का आशीर्वाद मिला। इस पूरे आयोजन के दौरान श्री सत्य साईं की प्रेरणा और आशीर्वाद हमारे साथ है। मैंने इस कन्वेंशन सेंटर की तस्वीरें देखी हैं, इस केंद्र में आध्यात्मिकता की भावना है और आधुनिकता की उपस्थिति। इसमें सांस्कृतिक दिव्यता के साथ-साथ वैचारिक भव्यता भी है। दुनिया भर से विभिन्न क्षेत्रों के विद्वान यहां जुटेंगे।’