आंध्र प्रदेश के बंटवारे के बाद 2024 में यहां विधानसभा के तीसरे चुनाव हो रहे हैं. लोकसभा के साथ-साथ विधानसभा सीटों की मतगणना भी जारी है. इस दक्षिणी राज्य में सत्ता परिवर्तन की तस्वीर लगभग साफ दिखाई दे रही है. आंध्र प्रदेश विधानसभा चुनावों में अब तक के रूझानों के हिसाब से तेलुगू देशम पार्टी अकेले के दम पर बहुमत से ज्यादा सीटों पर बढ़त बनाए हुए है. हालांकि उसने राज्य में भारतीय जनता पार्टी और जन सेना पार्टी के साथ मिलकर चुनाव लड़ा है. वहीं वाईएसआर कांग्रेस की स्थिति काफी कमजोर है.
पिछले विधानसभा चुनावों में वाई. एस. जगन रेड्डी की वाईएसआर कांग्रेस ने बड़ी जीत दर्ज की थी. उसने विधानसभा और लोकसभा दोनों के चुनाव में तब सत्तारूढ़ दल टीडीपी को भारी पटखनी दी थी. इस बार वाईएसआर कांग्रेस को विधानसभा के साथ-साथ लोकसभा चुनावों में भी बड़ी मात मिल सकती है.
टीडीपी ने बना रखी है बढ़त
चंद्र बाबू नायडू की तेलुगू देशम पार्टी रूझानों में 130 सीटों पर बढ़त बनाए हुए है. जबकि उसकी सहयोगी जनसेना पार्टी 20 और भारतीय जनता पार्टी 7 सीटों पर बढ़त बनाए हुए है. इसके उलट वाईएसआर कांग्रेस महज 18 सीटों पर आगे चल रही है.
साल 2014 के विधानसभा चुनावों में टीडीपी ने विधानसभा की 102 सीटों पर जीत दर्ज करके सरकार बनाई थी. जबकि वाईएसआर कांग्रेस को 67 सीट मिली थी. इसके अलावा बीजेपी तब 4 सीटें जीतने में सफल रही थीं. इसके बाद 2019 के चुनाव में वाईएसआर कांग्रेस ने 151 सीटों पर जीत दर्ज की थी, जबकि टीडीपी को महज 23 सीटें मिली थीं.
आंध्र प्रदेश में 88 सीट पर पूर्ण बहुमत
आंध्र प्रदेश विधानसभा में 175 सीटें हैं, जबकि सरकार बनाने के लिए 88 सीटों का बहुमत चाहिए. राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री चंद्र बाबू नायडू कुप्पम से चुनाव लड़ रहे हैं. वह लगभग 11 हजार वोटों से लीड कर रहे हैं. वहीं मौजूदा मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी पुलिवेंडला सीट से बढ़त बनाए हुए हैं. वह करीब 47,000 वोटों से आगे चल रहे हैं.