असम में अब अगर कोई राज्य सरकार का कर्मचारी दूसरी शादी करना चाहता है तो उसे सरकार से अनुमति लेनी पड़ेगी. मुख्यमंत्री हिमांता बिस्वा सरमा ने इस फैसले की जानकारी देते हुए कहा, किसी कर्मचारी या रिटायर्ड कर्मचारी की मृत्यु हो जाती है तो कई मामलों में उस व्यक्ति की एक से अधिक पत्नियां फैमिली पेंशन के लिए दावा करती हैं. ऐसे मामलों का निपटारा करने में सरकार को असुविधा होती है. सीएम ने कहा है कि उनकी सरकार इससे जुड़ा पुराना कानून लागू करने जा रही है. जिसका सख्ती से पालन कराया जाएगा.
मुस्लिम कर्मचारियों पर भी लागू होगा कानून
सीएम हिमंता बिस्वा सरमा ने कहा, ‘असम सरकार के मुस्लिम सरकारी कर्मचारियों को भी इस नियम का पालन करना पड़ेगा. अगर कोई सरकारी निर्देश न माने तो उनके खिलाफ डिपार्टमेंटल एक्शन भी लिया जायेगा.’ दरअसल पूर्वोत्तर की असम सरकार 58 साल पुराने कानून को एकबार फिर सख्ती से लागू कर रही है. जिसके बाद प्रदेश में कोई भी सरकारी कर्मचारी बिना अनुमति के दूसरी शादी नहीं कर सकेगा. दूसरी शादी करने के लिए सरकार की अनुमति जरूरी होगी. मीडिया से बात करते हुए उन्होंने ये साफ कर दिया कि अगर कोई धर्म विशेष दूसरी शादी की इजाजात देता है, तो भी सर्कुलर के तहत कर्मचारी प्रदेश सरकार से अनुमति लेने के बाध्य होगा.
#WATCH | Assam CM Himanta Biswa Sarma on State government's circular pertaining to restrictions on more than one marriage for government employees in the state
"This rule was there earlier, but we did not enforce it. Now, we have decided to enforce it." pic.twitter.com/1m5towe9AN
— ANI (@ANI) October 27, 2023
अधिसूचना जारी- तत्काल प्रभाव से लागू हुआ आदेश
सरकारी अधिसूचना के मुताबिक इस फैसले से जुड़े दिशानिर्देश असम सिविल सेवा (आचरण) नियम, 1965 के नियम 26 के प्रावधानों के अनुसार जारी किए गए हैं. इस नियम का उल्लंघन होने पर संबंधित सरकारी कर्मचारी के खिलाफ विभागीय कार्यवाही शुरू हो सकती है. इसके परिणाम स्वरूप बड़े जुर्माने और अनिवार्य सेवानिवृत्ति का सामना करना पड़ सकता है.