असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने मंगलवार को ऐलान किया कि राज्य के करीमगंज जिले का नाम बदलकर ‘श्रीभूमि’ किया जाएगा, जो महान कवि रवींद्रनाथ टैगोर के सम्मान में रखा जाएगा। मुख्यमंत्री ने सोशल मीडिया पोस्ट में बताया कि रवींद्रनाथ टैगोर ने करीमगंज को ‘श्रीभूमि’ (माँ लक्ष्मी की भूमि) के रूप में वर्णित किया था, जो 100 साल से भी पहले था।
इस कदम के मुख्य बिंदु:
- कवि रवींद्रनाथ टैगोर का योगदान:
- टैगोर ने असम के करीमगंज जिले को अपनी रचनाओं में ‘श्रीभूमि’ के रूप में वर्णित किया था, और इस ऐतिहासिक संदर्भ को ध्यान में रखते हुए, राज्य सरकार ने नाम परिवर्तन का निर्णय लिया है।
- लंबे समय से चली आ रही मांग:
- मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने बताया कि यह नाम बदलने की लंबे समय से चली आ रही मांग को पूरा करने की दिशा में एक कदम है।
- राज्य कैबिनेट का निर्णय:
- असम कैबिनेट ने इस फैसले को मंजूरी दी है, और अब करीमगंज जिले का आधिकारिक नाम ‘श्रीभूमि’ होगा।
https://twitter.com/himantabiswa/status/1858859980360712423
इस परिवर्तन से असम की सांस्कृतिक और ऐतिहासिक धरोहर को और भी प्रकट किया जाएगा और यह रवींद्रनाथ टैगोर की असम के प्रति उनके योगदान को मान्यता देगा।
असम के मुख्यमंत्री ने एक तस्वीर शेयर की, जिसमें कहा गया कि करीमगंज का नाम बदलकर श्रीभूमि करने का फैसला “जिले के लोगों की उम्मीदों और आकांक्षाओं को प्रतिबिंबित करेगा.” भारतीय जनता पार्टी के कृपानाथ मल्लाह करीमगंज निर्वाचन क्षेत्र से वर्तमान सांसद हैं.
केंद्र सरकार ने सितंबर में अंडमान और निकोबार द्वीप समूह की राजधानी पोर्ट ब्लेयर का नाम बदलकर श्री विजया पुरम कर दिया था. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा था कि यह “राष्ट्र को औपनिवेशिक छापों से मुक्त करने के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नजरिए” को साकार करने के लिए किया गया था.