केंद्र की मोदी सरकार ने बुधवार (27 दिसंबर) को बड़ा फैसला लिया. सरकार ने नारियल के लिए एमएमसपी (MSP) तय कर दी. इसके अलावा बिहार में दीघा और सोनपुर के बीच गंगा में 6 लेन ब्रिज बनाने का फैसला लिया.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक के बाद केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा, ”साल 2024 के लिए एमएमसी तय की है. किसानों के आर्थिक हितों के ध्यान में रखा गया है. दुनियाभर में नारियल के दाम गिरे हैं. मुझे कहते हुए खुशी हो रही है कि 2023 के तुलना में मिलिंग कोपरा की निर्धारित एमएसपी 300 रुपये प्रति क्विंटल और बाल कोपरा की 250 रुपये प्रति क्विंटल बढ़ा दी गई है.”
केन्द्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने कैबिनेट की बैठक के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित किया. उन्होंने बताया कि किसानों के आर्थिक हितों के ध्यान में रखने हुए नारियल का एमएसपी लागत और पचास फीसदी देनें का फैसला लिया गया है. यह साल 2014 की तुलना में दोगुना हो गया है. रोड ट्रांसपोर्ट मंत्रालय ने दो निर्णय लिए हैं. त्रिपुरा में खोवेई से हिरना तक के सड़क की मंजूरी दी गई है. बताया गया कि इससे असम और त्रिपुरा के बीच आवागमन आसान होगा. नॉर्थ और साउथ त्रिपुरा के बीच भी दूरी कम होगी. इसका निर्माण ग्रीन फील्ड प्रोजेक्ट की तरह काम किया जा रहा है. दूसरा बिहार में दीघा से सोनपुर गंगा नदी पर 6 लेन ब्रिज बनेगा, जिसमें 3 हजार करोड़ से ज्यादा की लागत आएगी. इस पुल के नीचे से बड़े जहाज निकल सकेंगे.
अनुराग ठाकुर ने कहा, “2024 के लिए एमएसपी (कोपरा के लिए) तय कर दिया गया है. मुझे यह देखकर खुशी हुई कि वर्ष 2024 के लिए मिलिंग कोपरा (नारियल) के लिए एमएसपी 2023 से अधिक होगा. मिलिंग कोपरा का एमएसपी 300 रुपये प्रति क्विंटल और बॉल कोपरा के लिए 250 रुपये प्रति क्विंटल की बढ़ोतरी की गई है.”
Centre raises minimum support price for copra
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— ANI Digital (@ani_digital) December 27, 2023
त्रिपुरा और असम से जुड़े क्या फैसले लिए गए
अनुराग ठाकुर ने बताया कि त्रिपुरा और असम को लेकर बेहद जरूरी फैसले लिए गए हैं. उन्होंने कहा, ”सड़क और परिवहन मंत्रालय से जुड़े निर्णय लिए गए हैं जो त्रिपुरा और असम के लिए बहुत महत्वपूर्ण हैं. खोवाई से हरिना तक सड़क बनाने के काम को मंजूरी दी गई है. 20,487 करोड़ रुपये खर्च होंगे और 25 महीने में इस काम को पूरा किया जाएगा.”
उन्होंने कहा कि इस प्रोजेक्ट के पूरा होने पर असम और त्रिपुरा के बीच में परिवहन और सुगम हो जाएगा. ये उत्तर त्रिपुरा को दक्षिण त्रिपुरा से जोड़ने का प्रयास है.