असम में बाढ़ का कहर जारी है। 23 जिलों के करीब 11.50 लाख लोग बाढ़ के कारण क्षतिग्रस्त हो गए। ब्रह्मपुत्र और उसकी सहायक नदियों समेत कई नदियों का जलस्तर अपने खतरे से ऊपर बह रहा है। बाढ़, भूस्खलन और भारी बारिश के कारण राज्य में अबतक 48 लोगों की मौत हो चुकी है। मंगलवार को मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने गोलाघाट जिले में स्थिति का जायजा लेने पहुंचे। उन्होंने बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का निरीक्षण करने के साथ पीड़ितों से मुलाकात भी की।
Resilience of the people of Assam is our biggest strength and it shows in times like these when we collectively commit to overcome the challenges posed by the floods. #AssamFloods pic.twitter.com/TdxOlZ1WS9
— Himanta Biswa Sarma (@himantabiswa) July 3, 2024
सीएम सरमा ने लिया क्षतिग्रस्त इलाकों का जायजा
सीएम हिमंत बिस्वा सरमा ने बाढ़ प्रभावित लोगों को राहत सामग्री उपलब्ध कराने के लिए के बैठक बुलाई। बुधवार को वह अन्य जिलों में बाढ़ की स्थिति को लेकर चर्चा के लिए कैबिनेट बैठक करेंगे। बाढ़ की दूसरी लहर ने बारपेटा, बिस्वनाथ, कछार, चराइदेव, चिरांग, दरांग, धेमाजी, डिब्रूगढ़, गोलाघाट, जोरहाट, कामरूप मेट्रोपॉलिटन, कार्बी आंगलोंग, करीमगंज, लखीमपुर, माजुली, मोरीगांव, नागांव, नलबाड़ी, शिवसागर, सोनितपुर, तामुलपुर, तिनसुकिया और उदलगुरी जिलों को प्रभावित किया है।
बाढ़ के कारण लखीमपुर जिला सबसे ज्यादा प्रभावित हुआ। यहां 1.65 लाख लोग बाढ़ के पानी में रहने को मजबूर हैं। इसके अलावा दरांग में 1.47 लाख और गोलाघाट में 1.07 लाख लोग प्रभावित हुए हैं। काजीरंगा नेशनल पार्क में भी बाढ़ की स्थिति गंभीर है। जंगलों का बड़ा हिस्सा जलमग्न हो गया। गैंडे का एक बच्चा बाढ़ के पानी में डूब गया।
सीएम सरमा ने पार्क की स्थिति का भी निरीक्षण किया। नागरिक प्रशासन, एसडीआरए, एनडीआरएफ, आपातकालीन सेवाएं और वायुसेना राहत और बचाव कार्य में जुटी हुई है। राज्य भर में 490 राहत शिविरों में 2.90 लाख से अधिक लोगों ने शरण ली है। बाढ़ के कारण सड़क, पुल और अन्य बुनियादी ढांचे बुरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गए।