असम कांग्रेस के अध्यक्ष भूपेन बोरा ने गुरुवार को महाभारत में कृष्ण-रुक्मिणी और धृतराष्ट्र-गांधारी विवाह की तुलना ‘लव जिहाद’ से की. इस पर अपनी राय जाहिर करते हुए मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमाने कहा कि हिंदू देवताओं के बारे में ऐसे बयान के बाद कांग्रेस के पास किसी दिन मस्जिदों और मदरसों के अलावा छिपने की कोई जगह नहीं होगी. राज्य के कई धार्मिक नेताओं ने भी महाभारत के बारे में बोरा की ‘आधी-अधूरी जानकारी’ की आलोचना की है. असम कांग्रेस के अध्यक्ष बोरा ने कहा कि ‘इतिहास से ही अंतर्विवाह होता आ रहा है.’
भूपेन बोरा ने कहा कि ‘महाभारत के समय से राजाओं के बीच भी अंतर्विवाह होता रहा है. महाभारत में मुख्य कहानी यह है कि गांधारी का परिवार नहीं चाहता था कि उनका विवाह धृतराष्ट्र से हो. भीष्म पितामह ने उन दोनों का जबरन विवाह कराया. शकुनि के भाई को कैद कर लिया गया और बाद में मामा ने बदला लिया. वह भी लव जिहाद है. गांधारी के परिवार ने विरोध किया और इसलिए उन्होंने अपनी आंखों पर पट्टी बांध लिया. जब कृष्ण रुक्मिणी को लेने आए, तो अर्जुन एक अलग रूप में आए.’ इस पर असम के सीएम हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा कि अगर केस दर्ज किया गया तो बोरा को गिरफ्तार किया जाएगा. सरमा ने कहा कि उन्हें धार्मिक भावनाओं को नहीं उछालना चाहिए था.
‘हिंदू देवताओं को विवाद में घसीटना निंदनीय’
सरमा ने कहा कि ‘मुझे नहीं पता कि किसने क्या कहा लेकिन भगवान कृष्ण और रुक्मिणी के विषय को घसीटना बहुत निंदनीय है. यह सनातन धर्म के खिलाफ है. यह हिंदू धर्म के खिलाफ है. मैं कांग्रेस से अपील करूंगा कि जिस तरह हमें हजरत मुहम्मद या ईसा मसीह को किसी धार्मिक विवाद में नहीं घसीटना चाहिए, उसी तरह उन्हें भगवान कृष्ण को भी किसी विवाद में खींचने की कोशिश नहीं करनी चाहिए. देवताओं की तुलना किसी मानवीय अपराध से करना स्वीकार्य नहीं है. दूसरा, लव जिहाद क्या है? जब किसी लड़की की झूठी पहचान के आधार पर शादी की जाती है और शादी के बाद उसे अपना धर्म बदलने के लिए मजबूर किया जाता है…भगवान कृष्ण ने कभी रुक्मिणी से अपना धर्म बदलने के लिए नहीं कहा. अगर कोई केस करेगा तो हमें उस व्यक्ति को गिरफ्तार करना होगा जिसने ऐसा कहा है. अगर सनातन धर्म के हजारों लोग शिकायत दर्ज करा दें तो मैं उसे नहीं बचा सकता.’