बाढ़ से जूझ रहे असम में स्थिति बिगड़ी हुई है। इस बीच, काजीरंगा नेशनल पार्क से एक निशान करने वाली खबर सामने आई है। यहां 17 जंगली जानवर पानी में डूब गए, जबकि 72 जानवरों को सुरक्षित बचा लिया गया। एक अधिकारी ने बताया कि गैंडा बछड़ा और हॉग हिरण सहित 17 जंगली जानवर डूब गए। वहीं, 72 जानवरों को वन अधिकारियों ने बचा लिया। अधिकारी के मुताबिक, फिलहाल 32 जंगली जानवरों का इलाज चल रहा है और 25 अन्य को छोड़ दिया गया है।
असम के काजीरंगा नेशनल पार्क में बाढ़ की स्थिति अभी भी गंभीर है, क्योंकि पार्क के 173 वन शिविर अभी भी बाढ़ से जूझ रहे हैं। काजीरंगा नेशनल पार्क की फील्ड निदेशक सोनाली घोष ने बताया कि पार्क अधिकारियों और वन विभाग ने 55 हॉग हिरण, दो ऊदबिलाव (शिशु), दो सांभर, दो स्कोप्स उल्लू, एक गैंडा बछड़ा, एक भारतीय खरगोश, एक जंगली बिल्ली को बचाया है।
बाढ़ से अब तक 46 लोगों की हुई मौत
इस बीच, असम में बाढ़ से अब तक 46 लोगों की मौत हो चुकी है। राज्य में बुधवार को बाढ़ के पानी में डूबने से आठ लोगों की मौत हो गई। राज्य में समग्र बाढ़ की स्थिति अभी भी गंभीर है, क्योंकि बाढ़ की दूसरी लहर से 29 जिलों के 16.25 लाख से अधिक लोग प्रभावित हुए हैं। बाढ़ प्रभावित जिले हैं- गोलपारा, नागांव, नलबाड़ी, कामरूप, मोरीगांव, डिब्रूगढ़, सोनितपुर, लखीमपुर, दक्षिण सलमारा, धुबरी, जोरहाट, चराइदेव, होजई, करीमगंज, शिवसागर, बोंगाईगांव, बारपेटा, धेमाजी, हैलाकांडी, गोलाघाट, दर्रांग, विश्वनाथ, कछार, कामरूप (एम), तिनसुकिया, कार्बी आंगलोंग, चिरांग, कार्बी आंगलोंग पश्चिम, माजुली।
विभिन्न इलाकों में बचाव अभियान जारी
24 बाढ़ प्रभावित जिलों में प्रशासन द्वारा स्थापित 515 राहत शिविरों और वितरण केंद्रों में 3.86 लाख से अधिक लोग शरण ले रहे हैं। एएसडीएमए ने कहा कि 11,20,165 जानवर भी बाढ़ से प्रभावित हैं। NDRF, SDRF, अग्निशमन, इमरजेंसी सेवा, प्रशासन, भारतीय सेना और अर्धसैनिक बलों की रेस्क्यू टीमें विभिन्न इलाकों में बचाव अभियान में लगी हुई हैं और बुधवार को 8377 लोगों को बचाया गया।