भीषण गर्मी से बिहार में स्कूल जाने वाले छात्र बीमार हो रहे हैं. ऐसे में स्कूलों को बंद करने के संबंध में निर्देश जारी किया गया है. बुधवार (29 मई) को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी बिहार के मुख्य सचिव ब्रजेश मेहरोत्रा को पत्र लिखा. इसमें स्कूलों को बंद करने का निर्देश दिया गया है. जारी निर्देश के आलोक में 30 मई से 8 जून तक सभी सरकारी और निजी स्कूलों के साथ कोचिंग संस्थान और आंगनबाड़ी केंद्र बंद रखने का निर्णय लिया गया है.
जारी किए गए पत्र में लिखा गया है, “भीषण गर्मी और भयंकर लू की चपेट से राज्य में आपदा की स्थिति बन रही है. इसके मद्देनजर मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार ने मुख्य सचिव श्री ब्रजेश मेहरोत्रा को निर्देश दिया है कि आवश्यकतानुसार वर्तमान स्थिति को देखते हुए स्कूलों को बंद करने के संबंध में समुचित कार्रवाई सुनिश्चित करें ताकि स्कूली बच्चों का स्वास्थ्य प्रभावित न हो. मुख्यमंत्री ने मुख्य सचिव को यह भी निर्देश दिया है कि वे क्राइसिस मैनेजमेंट ग्रुप की बैठक आयोजित कर वर्तमान परिप्रेक्ष्य में अन्य आवश्यक कार्रवाई सुनिश्चित करें.”
सरकारी और निजी स्कूलों के साथ कोचिंग और आंगबाड़ी भी रहेगा बंद
उधर मुख्य सचिव ने पत्र मिलने के बाद स्कूलों को बंद करने का निर्णय लिया है. भीषण गर्मी को देखते हुए कहा गया है कि 30 मई से 8 जून तक सभी सरकारी और निजी स्कूलों के साथ कोचिंग संस्थान और आंगनबाड़ी केंद्र बंद रहेंगे. इसे बिहार सरकार ने आपदा मानते हुए निर्णय लिया है. बिहार के मुख्य सचिव के सभी डीएम को स्कूलों में शिक्षण कार्य बंद रखने का निर्देश दिया है.
जिलाधिकारियों को लिखे गए पत्र में कहा गया है कि विगत कुछ दिनों से अप्रत्याशित भीषण गर्मी के साथ लू के प्रकोप में बिहार राज्य के अधिकांश जिले हैं. गया, औरंगाबाद, कैमूर में तापमान 46 डिग्री सेल्सियस से भी ज्यादा दर्ज किया जा रहा है. यही स्थिति लगभग सभी जिलों की है. 29 मई को आपदा प्रबंधन समूह की बैठक में भारतीय मौसम विज्ञान विभाग के प्रतिनिधि की ओर से अनुमान के आधार पर बताया गया है कि ऐसी स्थिति 8 जून तक रहने की संभावना है. ऐसे में निर्णय लिया गया है कि सभी सरकारी एवं निजी विद्यालय (कोचिंग संस्थान सहित) एवं आंगनबाड़ी केंद्रों में 30 मई से 8 जून तक शिक्षण कार्य बंद रखा जाए ताकि भीषण गर्मी के प्रकोप से बच्चों को बचाया जा सके.