बिहार में जब से आईएएस केके पाठक को शिक्षा विभाग का अपर मुख्य सचिव बनाया गया है, तब से स्कूलों की गुणवत्ता को बेहतर बनाने को लेकर कई निर्देश जारी किए गए हैं. खुद केके पाठक स्कूलों का निरीक्षण कर रहे हैं, जिससे शिक्षकों में भय का माहौल बना हुआ है. वहीं, कुछ लोग सवाल भी उठा रहे हैं. सवाल ये कि जबतक स्कूलों की गुणवत्ता ठीक नहीं होगी, क्या स्कूलों के निरीक्षण और सख्त निर्देशों से बिहार की शिक्षा व्यवस्था सुधरेगी? इन सबके बीच, मोतीहारी का एक सरकारी स्कूल भी सवाल कर रहा है कि क्या सिर्फ सरकारी गाइडलाइन से मेरी बदहाली सुधर जाएगी? यह सवाल इसलिए भी, क्योंकि यहां एक हादसे में दो बच्चियां गंभीर रूप से जख्मी हो गईं.
मोतिहारी के एकडरी में एक कन्या उच्च माध्यमिक विद्यालय है. यह स्कूल जर्जर हो चुका है. मरम्मत को लेकर स्कूल प्रबंधन ने कई बार विभाग को शिकायत की, लेकिन समस्या के समाधान को लेकर कोई पहल नहीं की गई. हालांकि, स्कूल खुलता रहा. लेकिन, बुधवार को स्कूल में एक बड़ा हादसा हो गया. जर्जर भवन के क्लासरूम के छत का प्लास्टर गिरने से दो बच्चियां घायल हो गईं, जिनके सिर-पीठ और कमर पर चोट लगी है. इसके बाद उन्हें प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर लाया गया, जहां प्राथमिक उपचार के बाद घर भेज दिया गया.
वीडियो आया सामने
इसका एक वीडियो भी सामने आया है. वीडियो में दिख रहा है कि प्लास्टर गिरने से एक बच्ची का सिर फूट गया है और वह दूसरी सहेली से यह कहती हुई दिखाई दे रही है कि अगर स्कूल नहीं बनेगा तो कल से हम लोग पढ़ाई छोड़ देंगे.हालांकि, यह पहली बार नहीं है. स्कूल के क्लासरूम के छत का प्लास्टर दो बार पहले भी गिर चुका है. वहीं, स्कूल की प्रिंसिपल शीला कुमारी ने बताया कि समस्या के संबंध में विभाग को कई बार शिकायत की गई है. लेकिन, कोई निदान नहीं हुआ.
1000 से ऊपर छात्राओं का नामांक
इस स्कूल में लगभग 1000 से ऊपर छात्राओं का नामांकन है. लेकिन छात्राओं के बैठने के लिए महज 6 कमरे ही हैं. शिक्षा विभाग की सख्ती की वजह से इन दिनों स्कूल में छात्राओं की उपस्थिति बढ़ गई है. ऐसे में जैसे-तैसे स्कूल में छात्राओं का पठन-पाठन हो रहा है. वहीं, इस संबंध में डीएम सौरभ जोरवाल से बात करने की कोशिश की गई, लेकिन उन्होंने फोन नहीं उठाया.