केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट 2024-25 में धार्मिक-पर्यटन को जोड़कर बड़े ऐलान किए हैं। वित्तमंत्री ने बिहार के विश्व प्रसिद्ध धार्मिक-पर्यटन केंद्रों गया के विष्णुपद मंदिर और बोधगया के महाबोधि मंदिर को काशी विश्वनाथ की तर्ज पर कॉरिडोर में विकसित किए जाने का ऐलान किया। इसके साथ ही राजगीर, नालंदा को वैश्विक पर्यटन के केंद्रबिंदु के तौर पर विकसित करने में सरकार विशेष ध्यान देगी। वित्त मंत्री ने ओडिशा में भी पर्यटन को बढ़ावा देने का भी ऐलान किया है।
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा,”पर्यटन हमेशा से हमारी सभ्यता का हिस्सा रहा है। भारत को वैश्विक गंतव्य के रूप में स्थापित करने के हमारे प्रयासों से रोजगार के अवसर पैदा होंगे और अन्य क्षेत्रों में भी अवसर खुलेंगे।” केंद्रीय वित्त मंत्री ने कहा, “मैं प्रस्ताव करती हूँ कि बिहार में राजगीर और नालंदा के लिए एक व्यापक विकास पहल की जाएगी। हम ओडिशा में पर्यटन को बढ़ावा देंगे, जिसमें प्राकृतिक सुंदरता, मंदिर, शिल्पकला, प्राकृतिक परिदृश्य, वन्यजीव अभयारण्य और प्राचीन समुद्र तट हैं।”
केंद्रीय बजट 2024-25 के प्रस्ताव:
👉 विष्णुपद मंदिर कॉरिडोर और महाबोधि मंदिर कॉरिडोर को विश्व स्तरीय तीर्थ और #पर्यटन स्थलों में बदला जाएगा
👉 राजगीर का व्यापक विकास किया जाएगा
👉 नालंदा को पर्यटन केंद्र के रूप में विकसित किया जाएगा; नालंदा विश्वविद्यालय को उसके गौरवशाली… pic.twitter.com/m1VW9tD6xS
— Ministry of Finance (@FinMinIndia) July 23, 2024
वित्त मंत्री ने कहा, “हमारी सरकार भारत को ग्लोबल टूरिस्ट डेस्टिनेशन बनाने के लिए प्रतिबद्ध है। बिहार के गया में स्थित विष्णुपाद मंदिर और बोधगया के महाबोधि मंदिर की एक अलग पहचान है। काशी विश्वनाथ मंदिर कॉरिडोर की तर्ज पर विष्णुपाद कॉरिडोर और महाबोधि कॉरिडोर को विकसित किया जाएगा। यही नहीं राजगीर जोकि हिंदुओं, जैनियों और बुद्धों का प्रसिद्ध तीर्थ है। इसे भी विश्वस्तरीय डेस्टिनेशन की तर्ज पर तैयार करेंगे। इसमें 20वें तीर्थंकर मुनीश्वर जैन मंदिर, सप्तऋषियों से जुड़ी जगह और गर्म पानी के पवित्र कुंड के आसपास के इलाकों को भी शामिल कर विकसित किया जाएगा। इसके साथ ही नालंदा को पर्यटन केंद्र के रूप में विकसित किया जाएगा। नालंदा विश्वविद्यालय को उसके गौरवशाली स्वरूप में पुनर्जीवित किया जाएगा।”
बता दें कि वाराणसी में काशी विश्वनाथ मंदिर कॉरिडोर के विकास को मील का पत्थर माना जाता है। काशी विश्वनाथ के साथ ही उज्जैन में महाकाल कॉरिडोर, अयोध्या में राम मंदिर, उत्तर प्रदेश में ही विंध्यावासिनी कॉरिडोर का विकास किया गया है। इसके अलावा भी देश में अन्य जगहों पर धार्मिक पर्यटन को जोड़कर विकास कार्य किए गए हैं, जिसके सकारात्मक परिणाम देखने को मिले हैं। बिहार में गया और बोधगया के मंदिर कॉरिडोर राज्य को धार्मिक पर्यटन के क्षेत्र में विश्वस्तरीय पहचान दिलाएँगे।
महाबोधि मंदिर
काशी विश्वनाथ कॉरिडोर बनने के बाद बनारस में पर्यटन को और अधिक बढ़ावा मिला। इस कॉरिडोर के तहत काशी विश्वनाथ मंदिर के परिसर को विकसित किया गया। बनारस के घाटों का पुनर्जागरण किया गया।
काशी विश्वनाथ कॉरिडोर की तर्ज पर ही बिहार के बोधगया में स्थित महाबोधि मंदिर का निर्माण होगा। यूनेस्को ने महाबोधि विहार को विश्व धरोहर घोषित किया है। सरकार भी पर्यटन के लिए इस स्थान को विकसित और प्रोत्साहित करेगी।
विष्णुपद मंदिर
बिहार के विष्णुपद मंदिर को भी वाराणसी के काशी विश्वनाथ की तरह टेंपल कोरिडोर बनाया जाएगा। राजगीर का भी काफी महत्व है। राजगीर के विकास के लिए भी मदद दी जाएगी