बिहार में आरक्षण को लेकर सीएम नीतीश की बड़ी घोषणा के बाद अब 75 फीसदी आरक्षण का लाभ लोगों को मिलने लगेगा। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की सरकार ने आरक्षण को लेकर गजट प्रकाशित कर दिया है. जिसके मुताबिक आज से बिहार के सभी शिक्षण संस्थानों और नौकरियों में अनुसूचित जाति/जनजाति, ईबीसी और ओबीसी को 75 फीसदी आरक्षण का लाभ मिलने लगेगा। मंगलवार (21 नवंबर) से इसे लागू कर दिया गया है। बिहार के राज्यपाल राजेंद्र आर्लेकर ने रिजर्वेशन के दायरे को बढ़ाकर 75 फीसदी करने के बिल पर अपनी मुहर लगा दी है।.बता दें कि बिहार सरकार ने आरक्षण की सीमा में 15 फीसदी का इजाफा किया है।
किसे कितना आरक्षण मिलेगा
बिहार में आरक्षण बिल के लागू होने के बाद जानते हैं किसे कितना फायदा होगा, तो जान लीजिए इससे एससी को 20 प्रतिशत, एसटी को दो प्रतिशत, अति पिछड़ा को 25 प्रतिशत, पिछड़ा वर्ग को 18 प्रतिशत आरक्षण का लाभ मिलेगा। इसके साथ ही सामान्य वर्ग के आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग को मिलने वाला 10 फीसदी आरक्षण का प्रावधान लागू रहेगा। इस बिल के लागू होने के बाद शिक्षण संस्थानों और सरकारी नौकरी में पिछड़े, दलित और महादलित को भी आरक्षण का लाभ मिलेगा। इस वर्ग के छात्रों को सरकारी कॉलेज और यूनिवर्सिटी में भी एडमिशन में फायदा होगा।
शीतकालीन सत्र में पेश हुआ था आरक्षण विधेयक
बिहार सरकार ने विधानसभा के शीतकालीन सत्र के दौरान आरक्षण संशोधन विधेयक 2023 पेश किया था, जिसके बाद 9 नवंबर को इस विधेयक पर दोनों सदन की मुहर लगी थी। इसके तहत आरक्षण का दायरा बढ़ाकर 75 फीसदी करने का प्रावधान था। सबसे बड़ी बात ये थी कि इस बिल को राज्य की मुख्य विपक्षी पार्टी बीजेपी ने भी अपना समर्थन दिया था। इस बिल के पास होते ही बिहार के राज्यपाल राजेंद्र आर्लेकर ने रिजर्वेशन बिल-2023 पर अपनी मुहर लगा दी है।
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 7 नवंबर को सदन में घोषणा की थी कि राज्य में 60 फीसदी आरक्षण की व्यवस्था को बढ़ाकर 75 फीसदी किया जाएगा। इसके बाद सीएम ने कैबिनेट की मीटिंग बुलाई और कैबिनेट ने आरक्षण के दायरे को बढ़ाने के प्रस्ताव पर अपनी मुहर लगा दी थी। कैबिनेट से मंजूरी मिलने के बाद 9 नवंबर को दोनों सदनों से इसे पारित किया गया था।