महागठबंधन से बाहर होने के बाद जीतन राम मांझी ने जेडीयू (JDU) पर करारा हमला बोला हैं. उन्होंने कहा कि HAM कोई दुकान नहीं जिसे पैसे से खरीदा जा सके. पानी नाक के ऊपर जा चुका था. नीतीश कुमार की पार्टी लगातार विलय का दबाव बना रही थी. मैंने मुख्यमंत्री रहते जो काम किया नीतीश उसी काम को तोड़-मरोड़ कर सामने रख रहे थे. हमारी पार्टी संघर्ष करेगी. खरीद फरेब में वो लोग विश्वास करते हैं और उन्होंने यही किया है.
अब इस मामले पर राजनीतिक दलों की प्रतिक्रिया सामने आई हैं. राजद (RJD) विधायक सतीश दास ने कहा कि जीतन राम मांझी और नीतीश कुमार इन दोनों के बीच मुलाकात हुई थी. उनके सभी विधायकों के साथ में और क्या बात हुई थी. यह बताने का लोगों को काम नहीं किया गया था. 2 दिन के बाद एक नई स्क्रिप्ट आती है. संतोष सुमन इस्तीफा देते हैं और नई स्क्रिप्ट गढ़ी जाती हैं कि वो विलय का दबाव बना रहे थे तो जिले का दबाव बना रहे थे. उसी दिन इस बात की घोषणा करनी चाहिए थी.
बीजेपी प्रवक्ता प्रेम रंजन पटेल ने कहा कि जिस प्रकार से उनके साथ जेडीयू ने नाइंसाफी किया है, उनकी पार्टी को ही समाप्त करने में लगी हुई थी. जीतन राम मांझी बहुत ही पुराने नेता, पूर्व मुख्यमंत्री और लंबे समय से उनका राजनीतिक जीवन रहा है. वह सम्मानित व्यक्ति हैं लेकिन उनका सम्मान वहां नहीं हो रहा था.