बिहार में लोकसभा की पांच सीटों पर 26 अप्रैल को वोटिंग होगी। इन पांचों सीटों पर आज शाम चुनाव प्रचार खत्म हो जाएगा। दूसरे चरण के चुनाव में किशनगंज, पूर्णिया, बांका, भागलपुर और कटिहार में वोटिंग होगी। इन सीटों को अपने पक्ष में करने को लेकर सभी दलों ने अपनी ताकत झोंक दी है। इन पांच सीटों में से सीमांचल की किशनगंज और पूर्णिया में त्रिकोणात्मक मुकाबला देखने को मिल रहा है जबकि अन्य तीन सीटों पर एनडीए और महागठबंधन के बीच सीधा मुकाबला है। इस चरण में महागठबंधन की ओर जहां कांग्रेस के तीन प्रत्याशी चुनावी मैदान में ताल ठोक रहे हैं, वहीं राजद के दो प्रत्याशी कड़े संघर्ष में दिख रहे हैं।
किशनगंज में मुकाबला दिलचस्प
एनडीए की ओर से सभी पांच सीटों पर जदयू के प्रत्याशी चुनावी रण में हैं। मुस्लिम बहुल किशनगंज में मुकाबला दिलचस्प है। यहां कांग्रेस से निवर्तमान सांसद मोहम्मद जावेद, जदयू के मुजाहिद आलम और एआईएमआईएम उम्मीदवार अख्तरुल ईमान के बीच है। एआईएमआईएम के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी भी यहां आकर रैलियां कर चुके हैं। ऐसे में यहां मुकाबला त्रिकोणीय बन गया है। वैसे माना यही जा रहा है कि यहां किसी को आसानी से जीत नहीं मिलने वाली।
भागलपुर में अजय मंडल बनाम अजीत शर्मा
भागलपुर में जदयू के अजय मंडल का सीधा मुकाबला कांग्रेस के अजीत शर्मा से है। शर्मा अजय मंडल को कड़ी टक्कर दे रहे हैं लेकिन एनडीए भागलपुर में पूरा जोर लगाए हुए है। बांका में जदयू के गिरधारी यादव का मुकाबला राजद के जय प्रकाश यादव से है। 2019 के लोकसभा में जदयू के गिरधारी यादव ने जय प्रकाश यादव को हराया था। जय प्रकाश इस चुनाव में खूब पसीना बहा रहे हैं। इस कारण यहां कांटे की टक्कर होने की उम्मीद है।
कटिहार में तारिक अनवर बनाम दुलाल चंद गोस्वामी
कटिहार में जदयू के दुलाल चंद गोस्वामी और कांग्रेस के तारिक अनवर आमने-सामने हैं। पिछले चुनाव में यहां से दुलाल चंद गोस्वामी विजयी हुए थे। तारिक अनवर इसी सीट से पांच बार सांसद रह चुके हैं और इस चुनाव में ‘छक्का’ मारने को लेकर कठिन परिश्रम कर रहे हैं।
पूर्णिया बनी चुनाव की सबसे हॉट सीट
इस चुनाव की सबसे हॉट सीट पूर्णिया है। यहां मुकाबला दिलचस्प बना हुआ है। पूर्णिया में जदयू के संतोष कुशवाहा और राजद की बीमा भारती के साथ पप्पू यादव के बीच कांटे की टक्कर है। पप्पू यादव ने निर्दलीय चुनाव मैदान में उतरकर मुकाबला रोचक बना दिया है। बहरहाल, मतदाता 26 अप्रैल को अपने जनप्रतिनिधि को चुनने के लिए मतदान करेंगे। लेकिन इतना तय है कि दूसरे चरण में सियासी लड़ाई रोचक है और इस चरण में जदयू के अध्यक्ष नीतीश कुमार की प्रतिष्ठा दांव पर लगी है।