आंकड़े बता रहे हैं कि बिहार का पूर्णिया शहर लव जिहाद का अड्डा बन चुका है। पिछले कुछ वर्षों में यहां 500 से अधिक लव जिहाद के मामले सामने आए हैं। पूर्णिया में न सिर्फ बिहार बल्कि पूर्वोत्तर भारत के आठ राज्यों के अलावा पांच अन्य राज्यों से भी लड़कियां लाई जा रही हैं। केवल लव जिहाद ही नहीं, यहां मानव तस्करी भी हो रही है। पूर्णिया से अरब के शेखों के लिए लड़कियां भेजी जा रही हैं। यह खुलासा पूर्णिया पुलिस के एक छापे से हुआ। अभी हाल ही में पूर्णिया पुलिस ने जिस्मफरोशी के धंधे का संचालन करने वाले ऐसे 5 गिरोह के सरगनाओं को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। इन सबका सरगना मोहम्मद आफताब था, जो अंकित तिवारी बनकर यह काम करता था। उसके इस काम में जुबैदा जैसी महिलाएं भी साथ देती थीं।
हिंदू लड़कियों को फंसाने के लिए थार पर लिखवाया जय बजरंग बली
हिंदू लड़कियों को झांसे में लेने के लिए आफताब खान ने न सिर्फ अपना नाम बदलकर अंकित तिवारी किया, बल्कि एक काले रंग की थार गाड़ी खरीदी, जिस पर उसने ‘जय बजरंग बली’ लिखवा लिया था। यही नहीं, उसने पूरे इलाके में कट्टर हिंदू लड़के के रूप में पहचान बनाई थी। वह बड़े ही शातिराना तरीके से हिंदू लड़कियों से दोस्ती करता था। वह सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म और रॉन्ग नंबर के जरिए कम उम्र की लड़कियों से भी दोस्ती करता और अपने प्यार के जाल में फंसाता था। इसके बाद शादी का झांसा देकर जिस्मफरोशी के धंधे में धकेल देता था। इस काम में आफताब के साथ कुछ और मुस्लिम लड़के शामिल थे। अभी आफताब फरार है, लेकिन उसके गुर्गों को पुलिस ने को पकड़ लिया है। आफताब की काली करतूत का खुलासा तब हुआ, जब पुलिस ने पूर्णिया के रेड लाइट एरिया से कुछ लड़कियों को बचाया। छापेमारी के बाद पुलिस ने 33 लोगों को गिरफ्तार किया है। इनमें 27 महिलाएं और 6 पुरुष शामिल हैं।
शाकिब बना राजीव, तो मौसम बना ऋषभ
गिरफ्तार किए गए गुर्गे बड़े ही शातिराना तरीके से काम करते थे। वे भोली—भाली लड़कियों को फंसाने के लिए अपना हिंदू रखते थे और फर्जी आधार कार्ड भी बनवा लेते थे। पुलिस द्वारा बचाई गई एक महिला ने बताया कि देह व्यापार में लड़कियों को धकेलने वाले दलाल मुसलमान हैं और वे लोग हिंदू मुहल्लों में अपनी आसान उपस्थिति के लिए हिंदू नाम रखते हैं। ये लोग हिंदू नाम बताकर हिंदू लड़कियों को प्यार के जाल में फंसाते थे। इसके बाद मिलने के लिए बुलाते थे और फिर देह व्यापार के धंधे में धकेल देते थे।
देह व्यापार से इनकार करने पर कर दी हत्या
पुलिस द्वारा बचाई गई कुछ लड़कियों ने बताया है कि ये दरिंदे बाहर के दलालों से 2 से 3 लाख रुपए में नाबालिग लड़कियों और महिलाओं की खरीद-फरोख्त भी करते थे। अच्छी कीमत मिलने पर नाबालिग लड़कियों और महिलाओं को बिहार से बाहर के दलालों के हाथों बेचा जाता था। सौदा 4 से 5 लाख रु के मध्य तय होता था। लड़कियों और महिलाओं की खूबसूरती और उनकी शारीरिक बनावट के आधार पर उनकी कीमत का निर्धारण होता था। यहां की खूबसूरत लड़कियों की विदेशों में बड़ी मांग है। लिहाजा यह रैकेट सुन्दर लड़कियों को फंसाने और देह व्यापार में धकेलने के लिए हर हथकंडा अपनाता है। पुलिस ने इनके ठिकाने से जिन नाबालिग लड़कियों को बरामद किया है वे बिहार के लखीसराय, पूर्णिया, सिवान, छपरा एवं मुजफ्फरपुर के अलावा कुछ अन्य राज्यों की रहने वाली हैं। इन सभी को प्रेमजाल में फंसाकर यहां लाकर बेच दिया गया। इन लड़कियों ने पुलिस को बताया है कि उन्हें कई दिनों तक भूखा-प्यासा कमरों में बंद रखा जाता और उसके बाद भी इंकार करने पर लोहे के रॉडों से पिटाई की जाती। पुलिस ने जिस्म के जिस कारोबारी को गिरफ्तार किया है, उसमें मौसम उर्फ़ ऋषभ के खिलाफ लड़कियों को बेचने सहित जबरन देह व्यापार कराने के कई मामले दर्ज हैं। लव जिहाद का शिकार जिस लड़की ने इनका ज्यादा विरोध किया, उसका हश्र काफी बुरा हुआ। मोहम्मद मौसम किशनगंज का रहने वाला है। उसने 2021 में हिंदू नाम ऋषभ साह बताकर एक हिंदू लड़की को अपने झांसे में लिया। रॉन्ग नंबर पर नाबालिग से पहले दोस्ती की। उसे प्रेम जाल में फंसाया और फिर झांसे में लेकर शादी के बहाने अनगढ़ थाना क्षेत्र स्थित अनगढ़ गांव बुला लिया। उसने कुछ दिनों तक उसके साथ शारीरिक संबंध बनाए और फिर लड़की को देह व्यापार के धंधे में धकेल दिया। जब लड़की को सचाई का पता चला तो घर जाने की जिद करने लगी। इस पर नाराज होकर मौसम ने गला दबाकर उसकी हत्या कर दी। मौसम के खिलाफ किशनगंज के कोचाधामन प्रखंड स्थित अनगढ़ थाना में हत्या का मामला दर्ज किया गया था। पुलिस ने ऋषभ साह के पास से एक कार बीआर 11 वाई 1704 बरामद किया है। पुलिस जांच में यह बात भी सामने आई है कि जिस्म के सौदागरों ने इस अवैध कारोबार से अकूत संपत्ति जुटाई है। पूर्णिया के जिला पुलिस अधीक्षक कार्तिकेय के. शर्मा ने बताया कि पुलिस जिस्म के सौदागरों द्वारा अर्जित संपत्ति को भी जब्त करने की कार्रवाई करेगी।
पूर्णिया क्यों है सुरक्षित स्थल? सामाजिक कार्यकर्ता और पूर्णिया के चार्टर अकाउंटेंट राजीव श्रीवास्तव के अनुसार पूर्णिया प्रमंडल विगत कई वर्षों से देह व्यापार और जिहाद का एक प्रमुख केंद्र बना है। इसका मुख्य कारण यहां की भौगोलिक स्थिति है। यहां से चिकन नेक नजदीक होने के कारण अपराधी अपराध करने के बाद बहुत ही सहजता से कभी बांग्लादेश, तो कभी दूसरे देशों की सीमाओं में प्रवेश कर जाते हैं। इस कारण पुलिस के लिए उन्हें पकड़ पाना मुश्किल होता है। दूसरा यहां जिहादियों का एक बड़ा तबका है। किशनगंज राज्य का एकमात्र मुस्लिम बहुल जिला है। अररिया में भी 40% के लगभग मुसलमानों की आबादी हो गई है। पूर्णिया के दो प्रमंडल- अमौर तथा बायसी और कटिहार के दो प्रमंडल- बारसोई और आजमनगर पूर्णतः मुस्लिम बहुल हैं। कुछ प्रमंडल मुस्लिम बहुल होने वाले हैं। यह भी पता चला है कि दुनिया के जिहादी तत्व यहां पैसा लगा रहे हैं और मुसलमान युवकों को जिहादी बना रहे हैं।