Go First के बाद एक और एयरलाइंस मुश्किल में आ गई है. इस एयरलाइंस का नाम एलायंस एयर है. कभी एअर इंडिया के साथ रहने वाली एलायंस एयर की मालिक एआई एसेट्स होल्डिंग लिमिटेड है. इस कैरियर में जान फूंकने के लिए अब सरकार खुद आगे आई है. जानकारी के अनुसार वित्त मंत्रालय एलायंस एयर में 300 करोड़ रुपये का इक्विटी निवेश करेगा. पिछले कुछ महीनों में पैसों की कमी वजह से स्टाफ का सैलरी इश्यू रहा है और प्री कोविड सैलरी के अलावा भत्ते ना मिलने की वजह से स्टाफ ने हड़ताल भी थी.
एलायंस एयर मौजूदा समय में एआई एसेट्स होल्डिंग लिमिटेड (एआईएएचएल) के अंडर में जो भारत सरकार का एक स्पेशल पर्पज व्हीकल है. इससे पहले, एयर कैरियर एयर इंडिया का हिस्सा था. एलायंस एयर रोजाना 130 उड़ानें ऑपरेट कर रही है. नागरिक उड्डयन मंत्रालय के एक अधिकारी के अनुसार वित्त मंत्रालय एलायंस एयर में 300 करोड़ इक्विटी निवेश की योजना बना रहा है. एलायंस एयर को वित्त वर्ष 2021-22 में नेट लॉस 447.76 करोड़ रुपये देखने को मिला है और फाइनेंशियल क्राइसिस से जूझ रही है.
एलायंस एयर नाम से ऑपरेट होने वाली उड़ानें एयरलाइन एलाइड सर्विसेज द्वारा मैनेज की जाती हैं, जिसने हाल ही में अपना नाम एलायंस एयर एविएशन लिमिटेड में बदल दिया है. कॉर्पोरेट मामलों के मंत्रालय से उपलब्ध फ्रेश आंकड़ों के अनुसार, कंपनी के पास ऑथराइज्ड कैपिटल 2,000 करोड़ रुपये है और पेडअप कैपिटल 402.25 करोड़ रुपये है.
मौजूदा समय में एआईएएचएल के पास चार कंपनियां एअर इंडिया एयर ट्रांसपोर्ट सर्विसेज लिमिटेड, एअर इंडिया इंजीनियरिंग सर्विसेज लिमिटेड, एयरलाइन एलाइड सर्विसेज लिमिटेड और होटल कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड हैं, जो पहले एअर इंडिया से जुड़ी थीं. सरकार की सभी चार कंपनियों को बेचने की योजना है. एअर इंडिया एयर ट्रांसपोर्ट सर्विसेज और एअर इंडिया इंजीनियरिंग सर्विसेज के लिए एक्सप्रेशन ऑफ इंटरेस्ट (ईओआई) की घोषणा जल्द होने की उम्मीद है. एयर इंडिया एक्सप्रेस के साथ घाटे का सामना कर रही एअर इंडिया को जनवरी 2022 में टाटा ग्रुप द्वारा अधिग्रहित कर लिया गया था.