बीते कुछ महीनों से गौतम अडानी और उनका ग्रुप लगातार सफलता के झंडे गाड़ रहा है. अलग-अलग फील्ड से उनके लिए अच्छी खबरें आ रही हैं. अब जो खबर उनके लिए आई है वह एनर्जी सेक्टर से है. वास्तव में अडानी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड (एजीईएल) ने गुजरात के विशाल खावड़ा सोलर पार्क में 2,000 मेगावाट की सोलर प्लांट स्थापित किया है. जिसके साथ ही वह 10,000 मेगावाट से ज्यादा रिन्युअल एनर्जी क्षमता वाली भारत की पहली कंपनी बन गई है. गौतम अडानी ने ने कहा है कि उन्हें गर्व हैं कि रिन्युअल एनर्जी सेगमेंट हम देश की पहली 10 हजार मेगावाट प्रोडक्शन करने वाली कंपनी बन गई हैं.
क्या है कंपनी का टारगेट
कंपनी बयान के अनुसार, उसके पास अब 10,934 मेगावाट का ऑपरेशनल सेगमेंट है, जो भारत में सबसे ज्यादा है. वित्त वर्ष 2023-24 में 2,848 मेगावाट रिन्युअल एनर्जी क्षमता को स्थापित किया गया था. एजीईएल के ऑपरेशनल सेगमेंट में 7,393 मेगावाट सोलर, 1,401 मेगावाट विंड और 2,140 मेगावाट विंड-सोलर हाइब्रिड क्षमता शामिल है. एजीईएल के अनुसार कंपनी का 2030 तक 45 गीगावॉट रिन्युअल एनर्जी प्लांट स्थापित करने का टारगेट है. बयान में कहा गया, एजीईएल का 10,934 मेगावाट का ऑपरेशनल सेगमेंट 58 लाख से अधिक मकानों को बिजली देगा. सालाना करीब 2.1 करोड़ टन सीओ2 (कार्बन डाइऑक्साइड) के उत्सर्जन से बचाएगा.
’10 हजारी होने पर गर्व’
अडानी ग्रुप के चेयरमैन गौतम अडानी ले कहा कि हमें नवीकरणीय सेक्टर में भारत का पहला दस हजारी होने पर गर्व है. उन्होंने कहा कि एक दशक से भी कम समय में अडानी ग्रीन एनर्जी ने न केवल एक ग्रीन फ्यूचर की कल्पना की, बल्कि इसे साकार भी किया. क्लीन एनर्जी का पता लगाने के एक विचार मात्र से बढ़कर स्थापित क्षमता में 10,000 मेगावाट की अभूतपूर्व उपलब्धि हासिल की है.
अडानी ने कहा कि 2030 तक 45,000 मेगावाट (45 गीगावॉट) के लक्ष्य के तहत हम खावड़ा में दुनिया का सबसे बड़ा रिन्युअल एनर्जी प्लांट बना रहे हैं. खावड़ा 30,000 मेगावाट की एक परियोजना है जिसका ग्लोबल लेवल पर कोई मुकाबला नहीं है. एजीईएल न केवल दुनिया के लिए मानक स्थापित कर रहा है बल्कि उन्हें नई सिरे से परिभाषित भी कर रहा है.