देश की दिग्गज आईटी फर्म टाटा कंसल्टेंसी को करोड़ों का झटका लगा है. एक अमेरिकी कोर्ट ने टाटा ग्रुप की आईटी कंपनी के ऊपर करोड़ों रुपए का जुर्माना लगाया है. इस बात की जानकारी खुद कंपनी ने है. दरअसल एक अमेरिकी अदालत ने अमेरिकी आईटी सेवा फर्म डीएक्ससी (पहले सीएससी के नाम से जानी जाने वाली कंपनी) के ट्रेड सीक्रेट के दुरुपयोग के लिए टीसीएस पर 194 मिलियन डॉलर यानी 1620 करोड़ का जुर्माना लगाया है. कोर्ट ने टीसीएस को सीएससी को 56 मिलियन डॉलर का कंपनसेटरी डैमेज और 112 मिलियन डॉलर का एक्जेम्पलरी डैमेज देने को कहा है.
इस तरह से लगा जुर्माना
टीसीएस के द्वारा शेयर बाजारों को दी गई जानकारी के अनुसार, उसके ऊपर 194.2 मिलियन डॉलर से ज्यादा का जो जुर्माना लगा है, उसमें 56.15 करोड़ डॉलर के कम्पनसेटरी डैमेज, 11.23 करोड़ डॉलर के एक्जेम्पलरी डैमेज और 2.58 करोड़ डॉलर के प्रीजजमेंट इंटरेस्ट शामिल हैं. भारतीय करेंसी में जुर्माने की टोटल रकम लगभग 1,622 करोड़ रुपये हो जाती है.
क्यों लगाया गया जुर्माना?
साल 2018 में टीसीएस को यूएस की इंश्योरेंस कंपनी ट्रांसअमेरिका से 2.5 बिलियन डॉलर का काम मिला था. इस डील के अनुसार ट्रांसअमेरिका के 10 मिलियन ग्राहकों को एक सिंगल प्लेटफॉर्म पर सभी सुविधाएं प्रदान करना था. पिछले साल जून में यह डील रद्द हो गई थी. तब माइक्रोइकोनॉमिक स्थितियों का हवाला देते हुए यह डील रद्द कर दिया गया था.
टीसीएस आदेश को देगी चुनौती
हालांकि भारतीय आईटी कंपनी का कहना है कि उसके पास कोर्ट के फैसले को चुनौती देने का मजबूत आधार है. टीसीएस ने बताया कि वह डिस्ट्रिक्ट कोर्ट के फैसले को उचित अदालत में चुनौती देने वाली है और समीक्षा याचिका दायर करने वाली है. टीसीएस ने बताया कि उसे कोर्ट का संबंधित आदेश 14 जून 2024 को प्राप्त हुआ है.
इस तैयारी में जुट गई टीसीएस
टीसीएस को लगता है कि कोर्ट के भारी-भरकम जुर्माने के इस फैसले का उसके ऊपर कोई खास वित्तीय असर नहीं होने वाला है. कंपनी अपने हितों की रक्षा करने और कोर्ट के इस आदेश से उत्पन्न कानूनी चुनौतियों का सामना करने के लिए जरूरी कदम उठाने की तैयारी कर रही है. टीसीएस को उम्मीद है कि समीक्षा याचिका और चुनौती के बाद फैसला उसके पक्ष में आने वाला है.