वित्त वर्ष 2025-26 के आम बजट को लेकर उद्योग जगत और विशेषज्ञों की ओर से सरकार को दिए गए सुझाव भारतीय अर्थव्यवस्था में वृद्धि और स्थिरता लाने के दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण हैं। इन सुझावों का उद्देश्य है मांग में वृद्धि, महंगाई पर नियंत्रण, और रोजगार के अवसरों को बढ़ाना।
CII के मुख्य सुझाव:
- ईंधन पर उत्पाद शुल्क कम करना:
- ईंधन की बढ़ती कीमतों के कारण महंगाई पर सीधा असर पड़ता है।
- उत्पाद शुल्क घटाने से ईंधन की कीमतों में कमी आएगी, जिससे परिवहन लागत कम होगी और वस्तुओं की कीमतों में गिरावट होगी।
- निम्न और मध्यम आय वर्ग के लिए यह कदम आर्थिक राहत प्रदान करेगा।
- इनकम टैक्स में राहत:
- 20 लाख रुपये तक की वार्षिक आय के लिए टैक्स राहत का सुझाव।
- इस कदम से व्यक्तिगत आयकरदाता के पास अधिक डिस्पोजेबल आय बचेगी, जिससे खपत और बाजार में मांग को बढ़ावा मिलेगा।
- मांग में वृद्धि से औद्योगिक उत्पादन और रोजगार सृजन में मदद मिलेगी।
- खपत बढ़ाने के उपाय:
- निम्न आय वर्ग पर विशेष ध्यान देकर खपत को प्रोत्साहित करना।
- मांग आधारित प्रोत्साहन योजनाएं लागू करने की आवश्यकता।
अन्य संभावित सुझाव:
- एमएसएमई और स्टार्टअप के लिए राहत:
- एमएसएमई को सस्ते ऋण और कर में रियायतें दी जाएं।
- स्टार्टअप्स के लिए टैक्स में छूट की अवधि बढ़ाने और फंडिंग को आसान बनाने पर ध्यान।
- इंफ्रास्ट्रक्चर में निवेश:
- रेलवे, सड़कों, और अन्य बुनियादी ढांचा परियोजनाओं के लिए अधिक धनराशि आवंटित करना।
- यह क्षेत्र रोजगार और मांग बढ़ाने में सहायक होता है।
- रोजगार और कौशल विकास:
- रोजगार सृजन के लिए विशेष योजनाएं।
- युवाओं के कौशल विकास के लिए बजट में प्रावधान।
- ग्रीन एनर्जी पर जोर:
- सौर ऊर्जा, इलेक्ट्रिक वाहन, और हरित ऊर्जा परियोजनाओं के लिए सब्सिडी और प्रोत्साहन।
सरकार और आम बजट पर संभावित प्रभाव:
- महंगाई पर नियंत्रण: ईंधन पर कर घटाने और खपत को प्रोत्साहित करने के सुझाव से महंगाई पर अंकुश लग सकता है।
- रेवेन्यू बढ़ोतरी: अधिक खपत और मांग से अप्रत्यक्ष कर संग्रह बढ़ने की संभावना।
- आर्थिक विकास: व्यक्तिगत कर में राहत और इंफ्रास्ट्रक्चर निवेश से अर्थव्यवस्था को गति मिलेगी।
- चुनावी वर्ष की रणनीति: सरकार आगामी चुनावों को देखते हुए लोकलुभावन नीतियां अपना सकती है।
पेट्रोल पर अभी 21 प्रतिशत एक्साइज ड्यूटी
उद्योग निकाय ने कहा कि केंद्रीय एक्साइज ड्यूटी पेट्रोल के खुदरा मूल्य का लगभग 21 प्रतिशत और डीजल के लिए 18 प्रतिशत है। मई, 2022 से, इन शुल्कों को वैश्विक कच्चे तेल की कीमतों में लगभग 40 प्रतिशत की कमी के अनुरूप समायोजित नहीं किया गया है। ईंधन पर एक्साइज ड्यूटी कम करने से महंगाई को कम करने और खर्च करने योग्य आय बढ़ाने में मदद मिलेगी। सीआईआई ने कम आय वाले समूहों को लक्षित करते हुए उपभोग वाउचर शुरू करने का सुझाव दिया, ताकि तय अवधि में कुछ खास वस्तुओं और सेवाओं की मांग को बढ़ावा दिया जा सके। इसके अलावा सरकार से पीएम-किसान योजना के तहत वार्षिक भुगतान को 6,000 रुपये से बढ़ाकर 8,000 रुपये करने का सुझाव भी दिया गया है।
इलेक्ट्रॉनिक्स हार्डवेयर में आरएंडी को बढ़ावा मिले
इलेक्ट्रॉनिक्स और कंप्यूटर सॉफ्टवेयर निर्यात संवर्धन परिषद (ईएससी) ने डिजाइन से जुड़ी प्रोत्साहन (डीएलआई) योजना में और अधिक सुधार की वकालत की है, ताकि इसे अधिक व्यापक एवं प्रभावोन्मुख बनाया जा सके। उद्योग निकाय ने हाल ही में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के साथ बातचीत के दौरान पूंजी गहन इलेक्ट्रॉनिक्स हार्डवेयर क्षेत्र में अनुसंधान एवं विकास (आरएंडडी) तथा नवाचार को बढ़ावा देने के लिए प्रोत्साहन की जोरदार वकालत की है। ईएससी ने भारत में अनुसंधान एवं विकास को आगे बढ़ाने तथा पेटेंट/डिजाइन दाखिल करने के लिए अपने कारोबार का तीन प्रतिशत से अधिक खर्च करने वाली भारतीय कंपनियों के लिए अतिरिक्त आयकर छूट की भी मांग की है।