सार्वजनिक क्षेत्र की ऑयल एंड नैचुरल गैस कॉरपोरेशन (ओएनजीसी) 2038 तक 2 लाख करोड़ रुपये का भारी भरकम निवेश करेगी। कंपनी के इस बड़े निवेश के पीछे शुद्ध शून्य कार्बन उत्सर्जन का लक्ष्य पाना है। कंपनी की इस पहल के तहत ओएनजीसी नवीकरणीय ऊर्जा स्थलों और हरित हाइड्रोजन संयंत्रों की स्थापना करेगी। भाषा की खबर के मुताबिक, देश के लगभग दो-तिहाई कच्चे तेल और लगभग 58 प्रतिशत प्राकृतिक गैस का उत्पादन करने वाली कंपनी ने मंगलवार को 200 पन्नों का एक डॉक्यूमेंट जारी किया, जिसमें शुद्ध शून्य उत्सर्जन के लक्ष्य को हासिल करने की योजना का ब्योरा दिया गया है।
हरित अमोनिया संयंत्र की स्थापना करने का प्रस्ताव
खबर के मुताबिक, ब्योरा में देश की ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने के लिए हाइड्रोकार्बन प्रोडक्शन को बढ़ाने के साथ ही स्वच्छ ऊर्जा परियोजनाओं का उल्लेख भी किया गया है। डॉक्यूमेंट के अनुसार, ओएनजीसी 2030 तक पांच गीगावाट नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता, ग्रीन हाइड्रोजन, बायोगैस, पंप स्टोरेज संयंत्र और अपतटीय पवन परियोजना स्थापित करने के लिए 97,000 करोड़ रुपये का निवेश करेगी। इसके अलावा हरित अमोनिया संयंत्र की स्थापना करने का प्रस्ताव भी है।
सोलर पार्क सेट अप करेगी कंपनी
ओएनजीसी ने कहा कि वह तकनीकी हस्तक्षेप के जरिये 2030 तक गैस दहन को शून्य करने के लिए 5,000 करोड़ रुपये का निवेश करेगी। ओएनजीसी ने कहा कि वह तकनीकी हस्तक्षेप के जरिये साल 2030 तक गैस फ्लेयरिंग को शून्य तक कम करने के लिए 5,000 करोड़ रुपये का निवेश करेगी। कंपनी ने 2021-22 (आधार वर्ष) में वायुमंडल में 554 मिलियन क्यूबिक मीटर मीथेन छोड़ा।
ओएनजीसी 5 गीगावाट के सोलर पार्क सेट अप करने में 30,000 करोड़ रुपये खर्च करेगी जो सूर्य के प्रकाश को बिजली में परिवर्तित करेंगे और टर्बाइन जो पवन ऊर्जा के साथ ऐसा ही करेंगे। यह 5,000 करोड़ रुपये प्रत्येक की लागत से 2035 और 2038 तक 1 गीगावाट सौर और तटवर्ती पवन क्षमता जोड़ेगा।