वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा 1 फरवरी को पेश किए जाने वाले आगामी आम बजट से कई उद्योगों और विशेषज्ञों की महत्वपूर्ण अपेक्षाएँ हैं। इस बार बजट में टैक्स रियायतों और नीतिगत सुधारों पर ध्यान दिए जाने की संभावना है। विशेष रूप से दोपहिया वाहन, इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी), और ऊर्जा भंडारण से जुड़े सुझाव सामने आए हैं।
दोपहिया वाहन उद्योग की मांगें
- 125 सीसी तक के वाहनों पर जीएसटी कटौती:
- हीरो मोटोकॉर्प के सीईओ निरंजन गुप्ता ने 125 सीसी तक के दोपहिया वाहनों पर जीएसटी को 28% से घटाकर 18% करने की मांग की है।
- उनका तर्क है कि ये वाहन विलासिता की श्रेणी में नहीं आते बल्कि आम लोगों के लिए एक आवश्यक परिवहन साधन हैं।
- यह कदम रोजगार सृजन और छोटे निर्माताओं को बढ़ावा देने में सहायक हो सकता है।
- प्री-ओन्ड टू-व्हीलर के लिए नई नीति:
- ड्राइवएक्स के फाउंडर नारायण कार्तिकेयन ने प्री-ओन्ड (सेकंड हैंड) टू-व्हीलर उद्योग के लिए एक समर्पित नीति की जरूरत बताई है।
- यह नीति सेकंड-हैंड वाहन खरीद और बिक्री को अधिक संगठित और पारदर्शी बनाने में मदद कर सकती है।
इलेक्ट्रिक वाहन और ऊर्जा भंडारण क्षेत्र की अपेक्षाएँ
- ईवी क्षेत्र में प्रोत्साहन:
- ट्रोनटेक के फाउंडर समरथ सिंह कोचर ने ईवी और ऊर्जा भंडारण क्षेत्र के लिए बजट में मजबूत प्रोत्साहन की उम्मीद जताई है।
- विशेष रूप से, उन्नत बैटरी प्रौद्योगिकियों के विकास और उत्पादन को आत्मनिर्भर बनाने के लिए नीतिगत समर्थन की आवश्यकता है।
- यह कदम आयात पर निर्भरता कम करेगा और स्थानीय उद्योग को मजबूती देगा।
- टिकाऊ ऊर्जा भंडारण समाधान:
- टिकाऊ ऊर्जा भंडारण न केवल ईवी के लिए बल्कि अक्षय ऊर्जा, बैकअप पावर सिस्टम और अन्य ऊर्जा-आधारित क्षेत्रों के लिए भी फायदेमंद साबित होगा।
सरकार से अन्य अपेक्षाएँ
- रोजगार सृजन योजनाओं का विस्तार:
- निरंजन गुप्ता ने रोजगार सृजन के लिए शुरू की गई योजनाओं का विस्तार करने और दीर्घकालिक वृद्धि व स्थिरता पर ध्यान देने की बात कही।
- पूंजीगत निवेश में वृद्धि:
- पूंजीगत निवेश बढ़ाने के लिए सरकार को नीतियों को स्थिर बनाए रखने और बुनियादी ढांचा परियोजनाओं को बढ़ावा देने की आवश्यकता है।
संभावित प्रभाव
- यदि 125 सीसी तक के वाहनों पर जीएसटी में कटौती होती है, तो इससे आम जनता को राहत मिलेगी और दोपहिया वाहन उद्योग को बढ़ावा मिलेगा।
- ईवी और ऊर्जा भंडारण क्षेत्रों में प्रोत्साहन से भारत को ग्रीन एनर्जी और आत्मनिर्भर भारत मिशन के लक्ष्यों को हासिल करने में मदद मिलेगी।
- रोजगार सृजन योजनाओं के विस्तार से ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में व्यापक आर्थिक लाभ होगा।
निष्कर्ष
आम बजट 2025 से उम्मीद की जा रही है कि यह न केवल टैक्स रियायतों पर ध्यान देगा, बल्कि विभिन्न क्षेत्रों की दीर्घकालिक वृद्धि के लिए रणनीतिक नीतियां भी प्रस्तुत करेगा। सरकार का ध्यान रोजगार, आत्मनिर्भरता, और हरित ऊर्जा पर केंद्रित रहना इस बजट को विशेष बना सकता है।